कटनी, मध्य प्रदेश: मध्य प्रदेश के कटनी जीआरपी थाने का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें महिला थानेदार अरुणा वाहने को एक बुजुर्ग महिला और उसके नाबालिग पोते की पिटाई करते हुए देखा जा सकता है। यह वीडियो थाने के अंदर लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हुआ और इसके सामने आने के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया। वीडियो में दिखाया गया है कि थानेदार अरुणा वाहने बुजुर्ग महिला कुसुम वंशकार और उसके पोते को लाठी से बेरहमी से पीट रही हैं। इस घटना के बाद जीआरपी थानेदार को हटा दिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं।
कौन हैं पीड़ित महिला और आरोपी?
पीड़ित महिला का नाम कुसुम वंशकार है और उनके पोते का नाम दीपराज वंशकार है, जो कि नाबालिग है। कुसुम के बेटे दीपक वंशवार के खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं और वह एक कुख्यात अपराधी के रूप में जाना जाता है। पुलिस ने दीपक के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए उसकी मां और बेटे को हिरासत में लिया था। पुलिस का कहना है कि दीपक वंशवार के खिलाफ 19 आपराधिक मामले दर्ज हैं और उस पर 10,000 रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था। उसे नवंबर 2023 में जीआरपी कटनी ने गिरफ्तार किया था और जिला बदर कर दिया गया था।
वीडियो वायरल होने के बाद मचा बवाल
इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राजनीतिक गलियारों में हड़कंप मच गया। कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने इस मामले को लेकर भाजपा पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि भाजपा दलित उत्पीड़न को अपना हथियार बना रही है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “कटनी जीआरपी ने झर्रा टिकुरिया के 15 साल के बालक दीपराज, उसकी दादी कुसुम वंशकार को बेरहमी से पीटा! यह हरकत फिर एक दलित परिवार के साथ की गई है।”
वीडियो अक्टूबर 2023 का है।
मध्य प्रदेश के कटनी में जीआरपी पुलिस द्वारा एक दलित बच्चे और महिला को बेरहमी से पीटने की घटना बताती है कि मध्य प्रदेश में दलितों का जीवन सुरक्षित नहीं है। रक्षक ही उनके भक्षक बनते जा रहे हैं।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 28, 2024
सीएम साहब! कब रुकेगा दलितों पर अत्याचार।
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महिला थानेदार अरुणा वाहने को हटाने के निर्देश
मामला तूल पकड़ता देख रेलवे एसपी जबलपुर, अभिजीत रंजन ने जीआरपी थाना इंचार्ज अरुणा वाहने को तुरंत प्रभाव से हटा दिया है और मामले की जांच के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही कांग्रेस पार्टी ने इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री मोहन यादव और भाजपा सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
कौन हैं लेडी टीआई अरुणा वाहने?
अरुणा वाहने, जो पिछले एक साल से कटनी जीआरपी थाने की प्रभारी थीं, इससे पहले जबलपुर में भी तैनात रही हैं। जबलपुर में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने कई मिसालें पेश की थीं। हालाँकि, इस लाठीकांड के बाद वह विवादों में घिर गई हैं। अरुणा वाहने ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उन्हें 1980 के दशक में प्रसारित होने वाले ‘उड़ान’ सीरियल से प्रेरणा मिली थी और उसी ने उन्हें पुलिस सेवा में आने के लिए प्रेरित किया।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया
यह घटना सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील मानी जा रही है। इस वीडियो के वायरल होने के बाद जहां एक ओर भाजपा सरकार को विरोधियों के निशाने पर आना पड़ा है, वहीं दूसरी ओर समाज में पुलिस के प्रति आक्रोश भी देखा जा रहा है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर राज्य की भाजपा सरकार पर सीधा हमला बोल दिया है और इस घटना को दलित उत्पीड़न से जोड़कर देखा जा रहा है।
आगे की कार्रवाई
रेलवे एसपी जबलपुर के निर्देशानुसार मामले की जांच शुरू हो गई है। अरुणा वाहने के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है, यदि जांच में उनके द्वारा की गई कार्रवाई अवैध और अनुचित पाई जाती है। इस मामले का परिणाम आने वाले दिनों में स्पष्ट हो सकता है और यह देखने वाली बात होगी कि इस घटना का राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव कितना व्यापक होगा।