अमेरिका, वॉशिंगटन: भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से लंबित द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement) को लेकर जल्द ही सहमति बन सकती है। सूत्रों के मुताबिक जुलाई के पहले सप्ताह तक इस डील को अंतिम रूप देने की दिशा में निर्णायक प्रगति हो सकती है। दोनों देशों के बीच अब तक की बातचीत के दौरान टैरिफ स्ट्रक्चर, कृषि, आईटी सेवाओं और बौद्धिक संपदा अधिकारों जैसे अहम मुद्दों पर व्यापक सहमति बन चुकी है।

पीयूष गोयल की अमेरिका यात्रा से तेज़ हुई प्रक्रिया
भारत के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल इन दिनों अमेरिकी दौरे पर हैं, जहां उन्होंने कई उच्चस्तरीय बैठकों में हिस्सा लिया है। उनका यह दौरा भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों के लिए निर्णायक माना जा रहा है। वार्ता में भारत ने अमेरिकी बाजार में अपने पेशेवरों और उच्च तकनीकी कुशल युवाओं को अधिक अवसर दिलाने की वकालत की है।
गोयल ने अमेरिका से भारतीय आईटी और कृषि उत्पादों के लिए बाज़ार में समान पहुंच की मांग की है, वहीं अमेरिका ने भारतीय बाजार में अपने उत्पादों की बेहतर पहुंच और टैरिफ में कटौती की मांग रखी है।
मुख्य बिंदु:
- भारत, अमेरिका से आईटी सेवा, कृषि उत्पाद, और पेशेवर कुशलता के लिए समान अवसर चाहता है।
- अमेरिका चाहता है कि भारत टैरिफ में कटौती या उसे खत्म करे, जिससे अमेरिकी उत्पादों को भारत में बाज़ार मिले।
- 9 जुलाई तक भारत पर लागू 26% अतिरिक्त शुल्क निलंबित है, ऐसे में इस तारीख से पहले डील की घोषणा संभव।
- डोनाल्ड ट्रंप ने भी हाल ही में दावा किया कि भारत अधिकांश टैरिफ हटाने को तैयार है।
टैरिफ और शुल्क पर अहम चर्चा
वर्तमान में अमेरिका ने भारत पर 10% आधारभूत शुल्क को बनाए रखा है, जबकि 26% अतिरिक्त शुल्क को 9 जुलाई तक निलंबित किया गया है। यह अवधि दोनों देशों के बीच व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए निर्णायक समय हो सकता है। यदि इस अवधि से पहले समझौता हो जाता है, तो अमेरिकी उत्पादों पर अतिरिक्त शुल्क नहीं लगेगा और भारतीय कंपनियों को भी राहत मिलेगी।

भारत-मालदीव द्विपक्षीय संबंधों को नया बल
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत ने केवल अमेरिका ही नहीं, बल्कि मालदीव के साथ भी अपने द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत किया है। भारत ने मालदीव के साथ 13 समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनकी कुल अनुमानित अनुदान राशि 10 करोड़ मालदीव रुपये (लगभग 55 करोड़ भारतीय रुपये) है।
ये परियोजनाएं नौका सेवा विस्तार, समुद्री संपर्क सुदृढ़ीकरण और सामुदायिक आजीविका को केंद्र में रखकर तैयार की गई हैं। रविवार को इन समझौतों पर मालदीव सरकार की ओर से विदेश मंत्री अब्दुल्ला खलील और भारत की ओर से मालदीव में भारतीय उच्चायुक्त जी बालासुब्रमण्यम ने हस्ताक्षर किए।