लखनऊ, उत्तर प्रदेश: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) में लंबे समय से सियासी सुर्खियों से दूर रहे मायावती के भतीजे आकाश आनंद ने एक बार फिर मुख्यधारा की राजनीति में प्रभावशाली वापसी की है। रविवार को पार्टी की हाईलेवल मीटिंग में उन्हें चीफ नेशनल कोऑर्डिनेटर की अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके साथ ही उन्होंने मायावती के सबसे करीबी रणनीतिकार के रूप में अपनी स्थिति को पुनः मजबूत कर लिया है।

पार्टी संगठन में नई भूमिका
आकाश आनंद की वापसी न केवल व्यक्तिगत क्षमा का परिणाम है, बल्कि बसपा के रणनीतिक पुनर्गठन की दिशा में एक बड़ा कदम भी है। उन्हें अब तीन नेशनल कोऑर्डिनेटर्स – रामजी गौतम, रणधीर बेनीवाल, और राजाराम – की निगरानी और नेतृत्व का कार्य सौंपा गया है। इनमें से रामजी गौतम राज्यसभा सांसद हैं और बिहार प्रदेश के प्रभारी भी हैं।
बैठक में मायावती के साथ दिखे क़रीब
रविवार को हुई हाईलेवल बैठक में आकाश आनंद को मायावती के साथ क़रीब देखा गया, जिससे उनकी वापसी की अटकलों को और बल मिला। पार्टी से जुड़े सूत्रों ने बताया कि आने वाले आगामी लोकसभा चुनावों में बसपा की रणनीति और प्रचार की कमान अब आकाश आनंद के हाथों में होगी।
विवाद से वापसी तक का सफर
कुछ माह पूर्व आकाश आनंद और उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ को पार्टी से अनुशासनहीनता के आरोप में निष्कासित कर दिया गया था। हालांकि, 13 अप्रैल को आकाश आनंद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर सार्वजनिक माफी मांगते हुए पार्टी में पुनर्वापसी की गुज़ारिश की थी। उन्होंने अपनी गलतियों को स्वीकार करते हुए वादा किया कि वे अब किसी रिश्तेदार या बाहरी सलाहकार से राजनीतिक निर्णय नहीं लेंगे और केवल मायावती के नेतृत्व में ही काम करेंगे।

मायावती की प्रतिक्रिया और माफ़ी का स्वीकार
मायावती ने भी एक्स पर पोस्ट साझा करते हुए कहा कि आकाश आनंद को एक और मौका दिया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने पार्टी के वरिष्ठों को पूरा सम्मान देने और अपना जीवन बसपा और आंदोलन के लिए समर्पित करने का वादा किया है। हालांकि, उन्होंने यह दोहराया कि पार्टी में उत्तराधिकारी तय करने का कोई सवाल ही नहीं उठता।
बसपा को युवा नेतृत्व से नई ऊर्जा की उम्मीद
आकाश आनंद की वापसी पार्टी में युवा नेतृत्व के प्रवेश के तौर पर देखी जा रही है। उनकी ऊर्जावान, प्रगतिशील और डिजिटल-फ्रेंडली छवि बसपा को आगामी चुनावों में नए मतदाता वर्गों तक पहुंचने में मदद कर सकती है। सूत्रों के अनुसार, वे पार्टी के प्रचार अभियान की कमान संभालेंगे और पूरे देश में रैलियों के माध्यम से बसपा की नीतियों को जनता तक पहुंचाएंगे।