नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार, 23 मार्च को क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु के शहीदी दिवस पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। अंग्रेजी हुकूमत द्वारा लाहौर षड्यंत्र केस में फांसी की सजा पाने वाले इन वीर सेनानियों को नमन करते हुए प्रधानमंत्री ने उनके बलिदान को सदैव प्रेरणा का स्रोत बताया।

प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया पर व्यक्त की श्रद्धांजलि
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर अपने संदेश में लिखा, “आज हमारा राष्ट्र भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के सर्वोच्च बलिदान को याद कर रहा है। स्वतंत्रता और न्याय के लिए उनका निडर प्रयास हम सभी को प्रेरित करता रहेगा।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन महान सेनानियों का साहसिक बलिदान भारत के युवाओं को देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत करने का कार्य करता है। उन्होंने लिखा, “भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु का बलिदान आज भी भारतीय युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनकी साहसिक सोच, निडरता और स्वतंत्रता के प्रति उनका अटूट समर्पण राष्ट्र प्रेम की भावना को और मजबूत करता है।”
क्रांतिकारी आंदोलन का ऐतिहासिक प्रसंग
भगत सिंह ने अपने साथी बटुकेश्वर दत्त के साथ 8 अप्रैल 1929 को ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सेंट्रल असेंबली में बम फेंका था। इस घटना का उद्देश्य किसी की जान लेना नहीं, बल्कि अंग्रेजी शासन के दमनकारी कानूनों का विरोध करना था। इस साहसिक कदम ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक नई दिशा दी।
इसके बाद भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को लाहौर षड्यंत्र केस के तहत सांडर्स हत्या मामले में दोषी ठहराया गया। 23 मार्च 1931 को लाहौर सेंट्रल जेल में उन्हें फांसी दे दी गई। फांसी के समय भी तीनों क्रांतिकारियों ने “इंकलाब जिंदाबाद” और “भारत माता की जय” के नारे लगाते हुए निडरता का परिचय दिया।

बलिदान से मिली आजादी की प्रेरणा
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इन वीरों का अदम्य साहस और देश के प्रति उनका निस्वार्थ प्रेम हर भारतीय के दिल में सदैव जीवित रहेगा। उन्होंने लिखा, “उनका संघर्ष और बलिदान राष्ट्र के उत्थान के लिए हमें समर्पित रहने की सीख देता है। आने वाली पीढ़ियां उनके अदम्य साहस को हमेशा याद रखेंगी।”