पिलानी तहसील कार्यालय को पीएम किसान सम्मान निधि की एसएसओ आईडी अब तक नहीं मिल पाई है, नतीजतन तहसील से जुड़ी 2 नगरपालिकाओं और 48 गांवों के किसान पात्रता होने के बावजूद प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से वंचित हैं। पात्र किसानों के बैंक खातों में सम्मान निधि की किश्त की राशि जमा नहीं हो पा रही है।
कांग्रेस सरकार में तत्कालीन विधायक जेपी चंदेलिया के प्रयासों से जुलाई 2023 में पिलानी तहसील कार्यालय शुरू हो पाया था। उससे पहले पिलानी ब्लॉक और नगरपालिका क्षेत्र के तहसील से सम्बन्धित सभी काम सूरजगढ़ से होते थे। किसानों ने बताया कि जबसे पिलानी में तहसील कार्यालय शुरू किया गया है, तभी से ही वे सम्मान निधि से वंचित हैं। बार-बार तहसील कार्यालय के चक्कर लगाने के बावजूद भी समाधान का कोई रास्ता नहीं नजर आ रहा।
आपको बता दें कि प्रधान मंत्री किसान सम्मान निधि केन्द्र सरकार की एक योजना है, जिसमें किसानों को न्यूनतम आय सहायता के रूप में प्रति वर्ष 3 किश्तों में 6,000 ₹ तक दिए जाते हैं। इस योजना की घोषणा तब केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 1 फरवरी 2019 को भारत के अंतरिम केंद्रीय बजट 2019 के दौरान की थी। योजना की लागत सालाना 75,000 करोड़ ₹ है। दिसंबर 2018 में लागू हुई इस योजना से जुड़े किसानों के खातों में अब तक 17 किश्तें आ चुकी है। किसानों से जुड़ी इस समस्या को लेकर केन्द्र सरकार कितनी गम्भीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि 9 जून को शपथ लेने के तुरन्त बाद 10 जून को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पीएम किसान सम्मान निधि की 17वीं किश्त जारी कर दी थी। प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने केन्द्र सरकार की 6000 रुपए सालाना की इस राशि में 2000 रुपए की वृद्धि कर दी है। इस तरह राजस्थान देश का पहला ऐसा राज्य भी है जहां इस योजना के तहत कृषि योग्य जमीन वाले सभी छोटे और सीमांत किसानों को प्रति वर्ष 8000 रुपए तक मिलेंगे।
लेकिन पिलानी तहसील से जुड़े योजना के लाभार्थी पसोपेश में हैं कि उन्हें इस योजना के माध्यम से एक वर्ष पूर्व तक मिलती रही केन्द्र सरकार की न्यूनतम आय सहायता अब क्यों नहीं मिल रही। रोजाना तहसील कार्यालय में चक्कर लगा रहे ऐसे कई किसानों से हमने भी बात की, तब उनका दर्द सामने आया। पिछले लगभग 1 वर्ष से ये किसान यहां चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही।
केस 1.
बजरंग सिंह पुत्र भंवर सिंह
गांव- मोरवा,
पिछले 1 वर्ष से कोई किश्त नहीं आई
केस 2.
राजेन्द्र पुत्र मोहर सिंह
गांव- खेड़ला,
10 माह पूर्व आवेदन किया
1 भी किश्त नहीं आई
केस 3.
मदनलाल पुत्र नेतराम
गांव- पांथड़िया,
8 माह पूर्व आवेदन किया,
1 भी किश्त नहीं आई
केस 4.
रतन सिंह पुत्र भंवर सिंह
गांव- पिलानी
1 साल से कोई किश्त नहीं आई
केस 5
मरवण
गांव – भगीना
6 किश्तों की राशि से वंचित
केस 6
सरोज देवी
गांव- दूदी (पीपली)
8 किश्तों की राशि से वंचित
केस 7
मनेश देवी
गांव- दूदी (पीपली)
8 किश्तों की राशि से वंचित
5 हजार से अधिक किसान हुए हैं प्रभावित
पिलानी तहसील क्षेत्र के 5 हजार से अधिक किसान ऐसे हैं, जो यहां तहसील बनने के बाद से ही चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन समाधान नहीं हो रहा। हर बार तहसील कार्यालय में कार्यरत कर्मचारी उन्हें यह कह कर वापस भेज देते हैं कि अभी आईडी नहीं बनी है, इसलिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की किश्त की राशि उनके खाते में जमा नहीं करवाई जा सकती। सम्मान निधि के लिए नए रजिस्ट्रेशन भी तहसील की आईडी के चलते नहीं हो पा रहे।
पहले विधानसभा चुनाव आचार संहिता के नाम पर और बाद में लोकसभा चुनाव आचार संहिता के नाम पर काश्तकारों को वापस भेजा जाता रहा। लेकिन अब तो सीधे यही जवाब मिल रहा है कि इस योजना के तहत जारी राशि खातों में कब आयेगी, नहीं बताया जा सकता। परेशान किसान सूरजगढ़ तहसील तक भी जा रहे हैं, जहां उन्हें यह बताया जाता है कि उनका सारा काम अब पिलानी से ही होगा।
क्या कहते हैं अधिकारी
नायब तहसीलदार सुरेन्द्र कुमार से जब पात्र किसानों के हवाले से इस बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि पीएम किसान सम्मान निधि की आईडी जारी नहीं होने से यह समस्या आ रही है। तहसील की ओर से जिला कलेक्टर और अन्य सक्षम अधिकारियों को पहले भी इसके बारे में अवगत करवाया गया है, लेकिन आईडी जारी नहीं हुई। आईडी जारी होने के बाद ही इस योजना की राशि पात्र किसानों के बैंक खातों में जमा हो पाएगी।
झुंझुनू केन्द्रीय सहकारी बैंक के प्रबन्ध निदेशक संदीप शर्मा से जब योजना के लिए तहसील की एसएसओ आईडी के बारे में बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह योजना केन्द्र सरकार की है और सक्षम स्तर से आईडी जारी करने के लिए पत्र व्यवहार किया गया है। आईडी अभी जारी नहीं हुई है, इसलिए किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
बहरहाल किसानों की इस समस्या का समाधान कब तक होगा, कुछ तय नहीं है। अधिकारी सिर्फ यही बता पाए कि सम्मान निधि की राशि किसानों के खातों में तभी जमा हो सकती है जब केन्द्रीय एजेंसी इसके लिए तहसील कार्यालय के लिए एसएसओ आईडी जारी करे। आईडी जारी करने के लिए पिछले 1 वर्ष से पत्र व्यवहार जारी है।