पाकिस्तान: 9 मई 2025 को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की नेशनल कमांड अथॉरिटी (एनसीए) की एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जो भारत के साथ बढ़ते तनाव और हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के जवाब में थी। एनसीए पाकिस्तान का सबसे उच्च नागरिक और सैन्य निकाय है, जो परमाणु हथियार कार्यक्रम और रणनीतिक संपत्तियों के बारे में निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है।
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ का बयान
इस बैठक से पहले, पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक बयान में कहा कि शनिवार की सुबह भारत के खिलाफ सैन्य कार्रवाई के बाद राष्ट्रीय कमान प्राधिकरण की कोई बैठक निर्धारित नहीं थी। हालांकि, दिन के पहले हिस्से में पाकिस्तान के सैन्य सूत्रों ने पुष्टि की थी कि प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने एनसीए की बैठक बुलाई थी, जो भारतीय सैन्य कार्रवाइयों के बाद पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर विचार करने के उद्देश्य से थी।

ऑपरेशन सिंदूर: भारत की प्रतिक्रिया
7 मई 2025 को भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर हमले किए थे, जिससे सीमा पर तनाव में वृद्धि हुई थी। 8 मई को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के लाहौर में स्थित HQ-9 वायु रक्षा प्रणाली को नष्ट कर दिया। पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर अपनी फतेह-1 मिसाइल दागी, हालांकि इसे भारतीय वायु रक्षा प्रणालियों ने नष्ट कर दिया।
यह स्थिति पाकिस्तान के लिए गंभीर रणनीतिक चिंता का विषय बन गई, और एनसीए की बैठक को परमाणु और मिसाइल रणनीति पर चर्चा करने का महत्वपूर्ण अवसर माना गया। बैठक के दौरान पाकिस्तान अपने परमाणु बलों और जवाबी कार्रवाई की योजना पर विचार करने की संभावना थी।
एनसीए की भूमिका और जिम्मेदारियां
नेशनल कमांड अथॉरिटी (एनसीए) पाकिस्तान की परमाणु और मिसाइल नीति के निर्धारण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी जिम्मेदारियां निम्नलिखित हैं:
- परमाणु और मिसाइल नीति पर निर्णय – यह सुनिश्चित करती है कि पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम और मिसाइल विकास सही दिशा में हो।
- रणनीतिक परमाणु बलों के संचालन और निगरानी – पाकिस्तान के परमाणु हथियारों और मिसाइलों का प्रबंधन और उनकी सुरक्षा।
- रणनीतिक योजनाओं का कार्यान्वयन – एनसीए के निर्णयों को लागू करने के लिए रणनीतिक योजनाओं के प्रभाग (एसपीडी) जिम्मेदार होता है।
एनसीए की बैठक में सामूहिक निर्णय लेने की प्रक्रिया होती है, जिसमें सभी सदस्यों का एक वोट होता है। इसकी अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री करते हैं, और इसमें पाकिस्तान के उच्च सैन्य और नागरिक नेता शामिल होते हैं।

एनसीए के सदस्य
- प्रधानमंत्री – शहबाज शरीफ (अध्यक्ष)
- विदेश मंत्री – इशाक डार
- गृह मंत्री – मोहसिन रजा नकवी
- वित्त मंत्री – मुहम्मद औरंगजेब
- रक्षा मंत्री – ख्वाजा मुहम्मद आसिफ
- चीफ ऑफ जॉइंट स्टाफ कमेटी – जनरल सहिर शमशाद मिर्जा
- सेना प्रमुख – जनरल असिम मुनीर
- नौसेना प्रमुख – एडमिरल नवेद अशरफ
- वायु सेना प्रमुख – एयर चीफ मार्शल ज़हीर अहमद बाबर
सामूहिक निर्णय प्रक्रिया
एनसीए की निर्णय लेने की प्रक्रिया में आम सहमति या मतदान के आधार पर निर्णय होते हैं। इस प्रक्रिया में प्रत्येक सदस्य का एक वोट होता है, और जब आवश्यक होता है, तो निर्णयों पर मतदान भी किया जा सकता है। इसके बाद, इन निर्णयों को लागू करने के लिए एसपीडी (Strategic Plans Division) जिम्मेदार होता है, जिसका नेतृत्व एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक के अधिकारी करते हैं।
समग्र प्रभाव और भविष्य की दिशा
पाकिस्तान की एनसीए बैठक, जो भारत के साथ बढ़ते तनाव और हाल की सैन्य कार्रवाइयों के संदर्भ में हुई, पाकिस्तान की रणनीतिक परमाणु और मिसाइल नीति पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकती है। बैठक के दौरान भारत के खिलाफ पाकिस्तान की प्रतिक्रिया पर विचार किया गया और पाकिस्तान ने यह संकेत दिया कि वह अपनी रक्षा रणनीति को और अधिक मजबूत बनाने के लिए तैयार है।