पाकिस्तान: पाकिस्तान की सेना एक बार फिर से अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने विवादास्पद बयानों के कारण आलोचना का केंद्र बन गई है। पहलगाम में हुए हालिया आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि के कुछ हिस्सों को निलंबित किए जाने पर पाकिस्तान की सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने खुलेआम भारत को धमकी दी, जिसकी भाषा में आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मुखिया हाफिज सईद की झलक साफ़ देखी जा सकती है।

“अगर आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी सांसें बंद कर देंगे”
एक सार्वजनिक सभा में बोलते हुए जनरल चौधरी ने कहा,
“अगर आप हमारा पानी रोकेंगे, तो हम आपकी सांसें बंद कर देंगे।”
इस बयान ने न केवल भारतीय सुरक्षा तंत्र को सतर्क किया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी इसकी निंदा हो रही है। चौधरी के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो गया है, जिसमें उनके शब्द हूबहू वही हैं, जो हाफिज सईद ने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों के बाद दिए थे।
🔴#BREAKING Pakistani military spokesperson @OfficialDGISPR is at a university in Pakistan delivering hate and violence-encouraging speeches against India echoing what terrorist Hafiz Saeed said some years ago !
— Taha Siddiqui (@TahaSSiddiqui) May 22, 2025
Shameful! pic.twitter.com/W7ckNPePOH
भारत की कार्रवाई: सिंधु जल संधि का आंशिक निलंबन
भारत ने 23 अप्रैल 2025 को सिंधु जल संधि के कुछ हिस्सों को निलंबित कर दिया था। यह निर्णय 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद लिया गया, जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों को निशाना बनाया गया था।
इस हमले के पीछे पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठनों की भूमिका की आशंका है। इसके बाद भारत ने नियंत्रण रेखा के पास आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले भी किए।
क्या है सिंधु जल संधि?
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता से बनी सिंधु जल संधि एक ऐतिहासिक समझौता है, जो सिंधु नदी और उसकी सहायक नदियों (झेलम, चिनाब, रावी, ब्यास और सतलुज) के जल वितरण को नियंत्रित करता है।
इस संधि के तहत भारत को पूर्वी नदियों और पाकिस्तान को पश्चिमी नदियों के जल पर अधिकार है। इसके अतिरिक्त, दोनों देशों को जल के उपयोग की जानकारी नियमित रूप से साझा करनी होती है।

भारत का कड़ा संदेश: “खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते”
भारत सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि
“बातचीत और आतंक एक साथ नहीं चल सकते।”
“खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते।”
यह संदेश पाकिस्तान के सीमा पार आतंकवाद को समर्थन देने के प्रति भारत के कठोर रुख को दर्शाता है। सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि जब तक पाकिस्तान आतंकियों पर सख्त कार्रवाई नहीं करता, तब तक कोई सहयोग संभव नहीं है।