पहलगाम, जम्मू-कश्मीर: जम्मू-कश्मीर के प्रसिद्ध और संवेदनशील पर्यटक स्थल पहलगाम में मंगलवार को हुए भीषण आतंकी हमले ने एक बार फिर देश को दहला दिया। इस निर्मम हमले में 28 लोगों की मौत हो गई, जिनमें यूएई और नेपाल के दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। जबकि एक दर्जन से अधिक लोग गंभीर रूप से घायल हैं। आतंकी हमले को लेकर पाकिस्तान ने तुरंत ही बयान जारी कर खुद को इससे अलग बताया, लेकिन भारत के सुरक्षा विशेषज्ञों ने इसे पाकिस्तान की जिम्मेदारी से बचने की पुरानी रणनीति करार दिया है।

पाकिस्तान की पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया
घटना के कुछ घंटे बाद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा:
“पाकिस्तान का इस हमले से कोई संबंध नहीं है। यह भारत की घरेलू परिस्थितियों का परिणाम है। हम आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करते हैं।”
उन्होंने भारत में नागालैंड, मणिपुर, छत्तीसगढ़ और कश्मीर के संदर्भ में “आंतरिक असंतोष” का हवाला दिया। पाकिस्तान के इस बयान को भारत के विशेषज्ञ “कायरतापूर्ण और भटकाने वाला” बता रहे हैं।
हमले का स्वरूप: सुनियोजित और बर्बर
पर्यटन सीजन के चरम पर, आतंकियों ने दोपहर के समय एक व्यस्त स्थान को निशाना बनाया।
- हमले में मारे गए अधिकांश लोग कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पर्यटक थे।
- घायलों में तमिलनाडु, गुजरात और महाराष्ट्र के नागरिक शामिल हैं।
- श्रीनगर के सरकारी अस्पताल में घायलों की हालत गंभीर बनी हुई है।
- तीन आतंकी जंगल के रास्ते आए थे और अंधाधुंध गोलीबारी के बाद भाग निकले।

जांच एजेंसियों की सक्रियता
- एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) और स्थानीय पुलिस ने संयुक्त जांच शुरू कर दी है।
- ड्रोन, स्निफर डॉग्स, और हाई-टेक उपकरणों से सर्च ऑपरेशन जारी है।
- प्रारंभिक रिपोर्ट्स में आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा की संलिप्तता के संकेत मिले हैं।
भारत की प्रतिक्रिया और कूटनीतिक संकेत
भारत सरकार की ओर से इस पर आधिकारिक प्रतिक्रिया भले ही अभी नहीं आई, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा:
“निर्दोष नागरिकों की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी। दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
विपक्ष ने सरकार से कश्मीर की सुरक्षा नीति पर पुनर्विचार की मांग की है। विपक्षी नेताओं ने पहलगाम जैसे पर्यटक स्थलों की सुरक्षा को शीर्ष प्राथमिकता में लाने का सुझाव दिया है।
अंतरराष्ट्रीय मंचों पर दबाव संभव
इस हमले में विदेशी नागरिकों की मौत ने इसे एक अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बना दिया है।
- संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका, यूरोपीय संघ और मानवाधिकार संगठन इस घटना पर नजर बनाए हुए हैं।
- भारत इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान की भूमिका उजागर करने के लिए उपयोग कर सकता है।