नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के मामले में गिरफ्तार मुख्यमंत्री के निजी सहायक बिभव कुमार की न्यायिक हिरासत को दिल्ली की एक अदालत ने 6 जुलाई तक बढ़ा दी है। इससे बिभव कुमार की मुश्किलें और बढ़ गई हैं।
अदालत का निर्णय
अदालत ने बिभव की जमानत याचिका खारिज करते हुए कहा कि अगर आरोपित को रिहा किया जाता है तो वह गवाहों को प्रभावित कर सकता है। यह दूसरी बार है जब अदालत ने बिभव की जमानत याचिका खारिज की है। इससे पहले भी अदालत ने बिभव की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
निचली अदालत का निर्णय
निचली अदालत ने भी बिभव की दो जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। बिभव ने अपनी दलील में कहा कि यह मामला आपराधिक तंत्र के दुरुपयोग और छलपूर्ण जांच का है, क्योंकि याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है, लेकिन यह केवल शिकायतकर्ता का मामला है जिसकी जांच की जा रही है।
आगे की सुनवाई
इस मामले में अगली सुनवाई 1 जुलाई 2024 को होगी, जब जस्टिस अमित शर्मा की बेंच विस्तृत सुनवाई करेगी। बिभव ने अदालत के सामने दलील दी कि इस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है और यह केवल एकतरफा मामला बन गया है।
प्रतिक्रिया
यह मामला राजनीतिक गलियारों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। बिभव कुमार की गिरफ्तारी और उनकी जमानत याचिकाओं के खारिज होने से मुख्यमंत्री कार्यालय पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। वहीं, विपक्ष ने इस मामले को लेकर सरकार की निष्पक्षता पर भी सवाल खड़े किए हैं।