Sunday, July 27, 2025
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धर्म संसद में योगी आदित्यनाथ ने सुनाया मॉरीशस पीएम का गंगा से जुड़ा दिल छूने वाला किस्सा

प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: तीर्थराज प्रयाग में महाकुंभ की शुरुआत में अब महज कुछ दिन बाकी हैं, और इसकी भव्य शुरुआत के लिए तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। कड़ाके की सर्दी के बावजूद देश-विदेश से साधु-संतों का जमावड़ा प्रयागराज में लगातार बढ़ रहा है। महाकुंभ के इस ऐतिहासिक अवसर पर यूपी सरकार और प्रयागराज प्रशासन ने इसे भव्य और दिव्य स्वरूप देने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारियां की हैं।

इस आयोजन के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज के मीडिया सेंटर में आयोजित ‘आजतक’ की धर्म संसद में इस महाकुंभ की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ के आयोजन को लेकर अपनी सरकार की प्रतिबद्धता और योजनाओं के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस अवसर को अपने लिए सौभाग्य बताते हुए कहा, “महाकुंभ का आयोजन हमारे लिए गर्व की बात है, क्योंकि इसमें देश-दुनिया से आने वाले संतों और श्रद्धालुओं की सेवा करना हमारे लिए एक अपार सम्मान है।”

महाकुंभ की महत्त्वपूर्ण बातें

सीएम योगी ने महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक अवसर है, खासकर इस वर्ष जब अयोध्या में 500 वर्षों के इंतजार के बाद रामलला का विराजमान होना हुआ था। उन्होंने यह भी बताया कि 144 वर्षों बाद इस तरह के मुहूर्त में महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, जो एक अद्वितीय और दिव्य घटना है।

मुख्यमंत्री ने पूर्वोत्तर और दक्षिण भारतीय राज्यों से संतों के आगमन पर भी बात की, जहां कुछ चुनिंदा कारणों से पहले महाकुंभ में संतों का प्रतिनिधित्व कम होता था। उन्होंने कहा, “महाकुंभ में हम ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ का दृश्य देखेंगे, जहां देश के कोने-कोने से श्रद्धालु और संत पहुंचे हैं।”

कुंभ की ऐतिहासिक महत्ता

सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह भी कहा कि दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आबादी अगले 45 दिनों में प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाएगी, जो भारत की सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता को दर्शाता है। उन्होंने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा, “हमने कभी यह नहीं कहा कि बीजेपी ने कुंभ के आयोजन से जुड़ा है। 2017 से पहले इस आयोजन में अव्यवस्था और गंदगी का साम्राज्य था, जबकि 2013 के महाकुंभ में स्थिति काफी खराब थी।”

योगी आदित्यनाथ ने 2013 के महाकुंभ का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने कुंभ के आयोजन में गंदगी और अव्यवस्था देख कर दुख जताया था। “मॉरिशस के प्रधानमंत्री ने दुख जताया था कि क्या यही गंगा है?” योगी ने कहा।

भारत-मॉरिशस संबंधों की नई मिसाल

मुख्यमंत्री योगी ने भारत-मॉरिशस के संबंधों को भी महाकुंभ से जोड़ते हुए कहा कि मॉरिशस के लोग गंगा तालाब के माध्यम से गंगा की श्रद्धा को संजोकर रखते हैं। उन्होंने मॉरिशस के प्रधानमंत्री के वाराणसी दौरे का उल्लेख करते हुए बताया कि उन्होंने संगम में डुबकी लगाने का आग्रह किया था, जिसे प्रधानमंत्री ने स्वीकार किया और 450 लोगों के साथ प्रयागराज पहुंचकर संगम में डुबकी भी लगाई।

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