थाईलैंड, 16 अगस्त 2024: थाईलैंड की राजनीति में भारी उथल-पुथल के बीच शुक्रवार को थाईलैंड की संसद ने 37 वर्षीय पेटोंगटार्न शिनवात्रा को देश का सबसे युवा और दूसरी महिला प्रधानमंत्री चुना है। पेटोंगटार्न, जोकि थाईलैंड के पूर्व प्रधानमंत्री थाकसिन शिनवात्रा की बेटी हैं, को हाउस वोट के माध्यम से यह महत्वपूर्ण पद प्राप्त हुआ। थाकसिन शिनवात्रा, जिन्हें कोर्ट के आदेश पर हटाया गया था, उनके परिवार का यह पुनरुत्थान राजनीतिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ है।
परिवारवाद का सामना करती पेटोंगटार्न
पेटोंगटार्न शिनवात्रा की नियुक्ति को लेकर राजनीतिक हलकों में परिवारवाद की चर्चाएं जोरों पर हैं। शिनवात्रा परिवार पिछले दो दशकों से थाईलैंड की राजनीति में प्रमुख भूमिका निभा रहा है और इस दौरान उन्हें विभिन्न राजनीतिक चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा है। थाईलैंड के राजनीतिक दृश्य पर उनके परिवार की पुन:उपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
चुनौतियों भरे भविष्य का सामना
पेटोंगटार्न शिनवात्रा के लिए प्रधानमंत्री पद पर काबिज होना जितना गर्व का विषय है, उतना ही चुनौतीपूर्ण भी है। थाईलैंड की राजनीतिक स्थिरता और विकास के लिए उन्हें कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। पिछले साल के चुनाव में शिनवात्रा परिवार को पहली बार हार का सामना करना पड़ा था, जिससे उनकी राजनीतिक पकड़ कमजोर हुई थी। इसके बाद सेना के साथ समझौता भी करना पड़ा था।
पहली टिप्पणी में पेटोंगटार्न ने व्यक्त किए भाव
प्रधानमंत्री के रूप में अपनी पहली मीडिया टिप्पणी में पेटोंगटार्न ने श्रेथा थाकसिन की बर्खास्तगी पर दुख और भ्रम जताया। उन्होंने कहा, “मैंने श्रेथा, अपने परिवार और अपनी पार्टी के लोगों से बात की और फिर फैसला किया कि अब देश और पार्टी के लिए कुछ करने का समय आ गया है। मुझे उम्मीद है कि मैं देश को आगे बढ़ाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रयास कर सकती हूं।”
थाईलैंड की राजनीतिक दिशा
पेटोंगटार्न की नियुक्ति से थाईलैंड की राजनीतिक दिशा में महत्वपूर्ण बदलाव आने की संभावना है। उनके कार्यकाल में देश की राजनीतिक स्थिरता, आर्थिक विकास और सामाजिक समृद्धि पर विशेष ध्यान केंद्रित होगा। पेटोंगटार्न ने अपने बयान में देश को आगे बढ़ाने और समृद्धि की दिशा में काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।