तेलंगाना-आंध्र प्रदेश: तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई है। नदियां उफान पर हैं, निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं। इस आपदा में अब तक 31 लोगों की जान जा चुकी है और लाखों एकड़ में खड़ी फसलें बर्बाद हो गई हैं।
सड़क और रेल मार्ग अवरुद्ध, 432 ट्रेनें रद्द
बाढ़ के कारण सड़क और रेल मार्ग अवरुद्ध हो गए हैं। कई स्थानों पर पटरियों पर जलभराव और ट्रैक क्षतिग्रस्त होने के कारण 432 ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और 139 ट्रेनों के मार्गों में बदलाव किया गया है।
1.5 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र की फसलों को नुकसान
लगभग 1.5 लाख एकड़ से अधिक क्षेत्र की फसलें बाढ़ के पानी में डूब गई हैं। राज्य सरकार ने इस आपदा से हुए नुकसान का अनुमान लगभग 5,000 करोड़ रुपये लगाया है और केंद्र सरकार से 2,000 करोड़ रुपये की तत्काल सहायता मांगी है। साथ ही, बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने की मांग भी की गई है।
तेलंगाना में तीन दशक बाद ऐसी बाढ़
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बाढ़ पीड़ितों को 5-5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि देने की घोषणा की है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित इलाकों का दौरा करने और बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने का आग्रह किया है। खम्मम जिले में बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है और तीन दशक बाद यहां ऐसी भीषण बाढ़ आई है।
आंध्र प्रदेश में 4.5 लाख लोग प्रभावित
आंध्र प्रदेश में भी बाढ़ से लगभग 4.5 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। 31,238 लोगों को 166 राहत शिविरों में शरण ली हुई है। एनटीआर, गुंटूर, कृष्णा, एलुरु, पालनाडु, बापटला और प्रकाशम जिले सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।
राहत और बचाव कार्य जारी
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत और बचाव कार्यों में जुटी हुई हैं। वायु सेना के हेलीकॉप्टर भी खोज और बचाव कार्य में लगाए गए हैं।
राहुल गांधी ने की केंद्र सरकार से मदद की मांग
लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं से राहत और बचाव कार्यों में हरसंभव मदद करने का आह्वान किया है। उन्होंने केंद्र सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार से आपदा प्रभावितों के लिए जल्द से जल्द पुनर्वास पैकेज देने की मांग की है।