अमेरिका: अमेरिका में आगामी 20 जनवरी को डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति पद की शपथ लेने जा रहे हैं, जिसके कारण वैश्विक राजनीति में हलचल मच गई है। यूरोप, कनाडा, और चीन जैसे देशों में उनकी नीतियों को लेकर असमंजस की स्थिति है, जबकि भारत और सऊदी अरब जैसे देश ट्रंप की जीत से उत्साहित दिखाई दे रहे हैं।
ट्रंप की व्यापार-केंद्रित अंतरराष्ट्रीय नीतियों से चिंता
डोनाल्ड ट्रंप के अंतरराष्ट्रीय संबंधों को व्यावसायिक दृष्टिकोण से संचालित करने की नीति ने यूरोप और नाटो सहयोगियों में चिंता का माहौल पैदा किया है। ट्रंप का रूस और चीन के प्रति मैत्रीपूर्ण रुख पश्चिमी देशों के लिए असुरक्षा का कारण बन गया है। यूरोपीय काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (ECFR) और ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के एक हालिया सर्वेक्षण के अनुसार, यूरोप में ट्रंप को लेकर नकारात्मकता अधिक है। वहीं, भारत और सऊदी अरब जैसे देश उन्हें संभावनाओं से भरा एक नया अवसर मान रहे हैं।

भारत में ट्रंप की जीत को लेकर उत्साह
सर्वे के मुताबिक, भारत में 82 प्रतिशत लोग डोनाल्ड ट्रंप की जीत से खुश हैं। भारतीय विश्लेषकों का मानना है कि ट्रंप की व्यापार-केंद्रित नीतियां भारत के लिए लाभकारी साबित हो सकती हैं। पिछले प्रशासन के दौरान यूरोप और ट्रांस-अटलांटिक संबंधों पर अधिक ध्यान दिया गया था, जबकि ट्रंप के नेतृत्व में भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार और निवेश के क्षेत्र में नए अवसरों की उम्मीद की जा रही है।
यूरोप में ट्रंप की वापसी से असुरक्षा की भावना
यूरोपीय देशों में ट्रंप के रवैये को लेकर गहरी चिंता है। नाटो सहयोगियों के प्रति सख्त रुख और रूस को अधिक रियायतें देने की उनकी धमकियों ने यूरोप में अस्थिरता की स्थिति बना दी है। सर्वेक्षण में केवल 28 प्रतिशत यूरोपीय ट्रंप की वापसी से संतुष्ट हैं, जबकि 50 प्रतिशत से अधिक ब्रिटेन और अन्य यूरोपीय देशों में लोग उनके दोबारा चुने जाने से नाखुश हैं।
ट्रंप के विवादित बयान और अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
डोनाल्ड ट्रंप के बयानों ने भी विश्व स्तर पर विवाद खड़ा किया है। ग्रीनलैंड को डेनमार्क से जोड़ने, कनाडा को अमेरिका में मिलाने और पनामा पर अधिकार करने जैसी टिप्पणियों ने कूटनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। उनके नेतृत्व में संभावित अराजकता का अंदेशा जताया जा रहा है।
वैश्विक समीकरणों पर ट्रंप का प्रभाव
डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण से पहले ही वैश्विक स्तर पर प्रतिक्रियाएं मिश्रित हैं। जहां भारत, सऊदी अरब और कुछ अन्य देशों में उनकी व्यापारिक नीतियों को लेकर सकारात्मकता है, वहीं यूरोप और पश्चिमी देशों में असुरक्षा का माहौल है। ट्रंप की नीतियां आने वाले समय में नए वैश्विक समीकरणों को जन्म दे सकती हैं, जिनका प्रभाव दीर्घकालिक हो सकता है।