झुंझुनूं, 18 मार्च 2025: झुंझुनूं जिले के ग्रामीण अंचल के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। एक दशक के लंबे इंतजार के बाद राजस्थान रोडवेज प्रशासन ने गांवों तक सार्वजनिक परिवहन सेवा बहाल करने का निर्णय लिया है। झुंझुनूं रोडवेज डिपो प्रबंधन ने जिले के पांच ग्रामीण रूट तय कर दिए हैं, जहां अनुबंधित निजी बसें संचालित की जाएंगी।

नए ग्रामीण रूट और उनके मार्ग
- झुंझुनूं से चिड़ावा: समसपुर, प्रतापपुरा, जयपहाड़ी, इस्लामपुर, केहरपुरा खुर्द, भामरवासी, इकतारपुरा, बारी का बास, अरड़ावता होते हुए चिड़ावा तक बसें चलेंगी।
- झुंझुनूं से अलसीसर: हमीरी, सोनासर, बाजला, डाबड़ी, धीर सिंह, केंकड़िया, कल्ला, मलसीसर होते हुए अलसीसर तक सेवा बहाल होगी।
- झुंझुनूं से पिलानी: कासिमपुरा, सोती बुडाना बास, बुडाना, लाम्बा, नालवा, मंडेला, बजावा, ढंढारिया, कुल्हरियों का बास, झेरली होते हुए पिलानी तक बसें चलेंगी।
- झुंझुनूं से मंडावा: जयसिंहपुरा, ढिगाल, चंद्रपुरा, जवाहरपुरा, लाडसर, जितास, हनुमानपुरा, तेतरा होते हुए मंडावा तक का मार्ग तय किया गया है।
- झुंझुनूं से गोठड़ा: देरवाला, बीबासर, जेजूसर, डुमरा, कैरू, नवलड़ी, नवलगढ़, बिरोल होते हुए गोठड़ा तक बसें संचालित होंगी।
निजी बसों को मिलेगा रोडवेज का समर्थन
इन बसों का संचालन निजी बस संचालक करेंगे, लेकिन पूरा नियंत्रण राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम (RSRTC) के अधीन होगा। बसों पर रोडवेज का लोगो अंकित होगा और ये बसें रोडवेज बस स्टैंड से ही संचालित होंगी। निजी बस संचालकों को सरकार द्वारा 15 प्रतिशत किराया सब्सिडी दी जाएगी, जिससे उनकी आमदनी भी सुनिश्चित होगी।
यात्रियों को मिलेगा किराए में छूट का लाभ
ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों को भी अब रोडवेज बसों की तरह किराए में छूट मिलेगी। महिलाओं और बुजुर्गों को विशेष रियायत का लाभ मिलेगा। इससे ग्रामीण परिवहन अधिक सुलभ और किफायती हो जाएगा।

2013 के बाद फिर से शुरू हुई सेवा
गौरतलब है कि 2013 तक रोडवेज की कुछ मिनी बसें इन रूट पर संचालित थीं, लेकिन नई बसों की खरीद नहीं होने और पुरानी बसों की कम लाभदायकता के कारण इनका संचालन बंद कर दिया गया था। अब एक बार फिर से इन रूटों पर बसें दौड़ेंगी, जिससे ग्रामीण परिवहन सेवा को नया जीवन मिलेगा।
प्रशासन की पहल से ग्रामीणों को राहत
इस नई व्यवस्था से ग्रामीण यात्रियों को लंबे समय बाद राहत मिलेगी। क्षेत्रवासियों ने सरकार के इस निर्णय का स्वागत किया है। रोडवेज प्रबंधन का कहना है कि भविष्य में आवश्यकता के अनुसार अन्य रूटों पर भी इस तरह की सेवाएं शुरू की जा सकती हैं।