छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा बलों ने माओवादियों के खिलाफ अब तक का सबसे बड़ा ऑपरेशन चलाया है। शुक्रवार को दंतेवाड़ा और नारायणपुर जिलों की सीमा पर सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में 36 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है, जिसमें से 14 के शव बरामद किए जा चुके हैं। इस मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने बड़ी संख्या में ऑटोमेटेड हथियार भी जब्त किए हैं।
मुखबिर की सूचना से मिली बड़ी सफलता
शुक्रवार को सुरक्षा बलों को एक मुखबिर से सूचना मिली थी कि नक्सली जंगल में किसी बड़ी वारदात की योजना बना रहे हैं। सूचना के आधार पर सुरक्षाबलों ने तुरंत सर्च ऑपरेशन शुरू किया। जब फोर्स मौके पर पहुंची, तो नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में जवानों ने भी गोलीबारी की, जिससे नक्सली मौके से भागने पर मजबूर हो गए। मुठभेड़ के दौरान कई इनामी नक्सलियों के भी मारे जाने की खबर है, जबकि नक्सलियों की “कंपनी नंबर 6” को पूरी तरह से ध्वस्त कर दिया गया है।
अबूझमाड़ के थुलथुली गांव में हुआ मुठभेड़
बस्तर क्षेत्र के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुंदरराज पी ने बताया कि मुठभेड़ नारायणपुर-दंतेवाड़ा सीमा के अबूझमाड़ के थुलथुली गांव के जंगल में हुई। इस मुठभेड़ में 36 नक्सलियों के मारे जाने की पुष्टि की गई है, जिनमें से 14 शव बरामद हो चुके हैं। सुरक्षाबलों के इस दल में जिला रिजर्व गार्ड (DRG) और विशेष कार्य बल (STF) के जवान शामिल थे।
मुठभेड़ जारी, रुक-रुक कर हो रही गोलीबारी
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, क्षेत्र में अभी भी रुक-रुक कर गोलीबारी हो रही है। सुरक्षा बल सतर्कता बरतते हुए सर्च ऑपरेशन जारी रखे हुए हैं। आईजी सुंदरराज पी ने कहा कि मुठभेड़ का पूरा अपडेट आने में थोड़ा समय लगेगा क्योंकि रात का समय है और दोनों पक्षों के बीच रुक-रुक कर फायरिंग हो रही है। इस ऑपरेशन में सभी जवान सुरक्षित हैं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया था दंतेवाड़ा का दौरा
इस मुठभेड़ से पहले ही शुक्रवार को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दंतेवाड़ा का दौरा किया था। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह के साथ मिलकर 167.21 करोड़ रुपये के विकास कार्यों का लोकार्पण और शिलान्यास किया था। मुख्यमंत्री के दौरे के कुछ घंटों बाद ही यह मुठभेड़ शुरू हुई, जिससे क्षेत्र में तनाव बढ़ गया।
सुकमा में गुरुवार को भी हुई थी मुठभेड़
इससे पहले गुरुवार को सुकमा जिले में भी सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें सुरक्षा बलों ने भारी मात्रा में नक्सलियों की सामग्री बरामद की थी। 24 सितंबर को भी सुकमा में हुई मुठभेड़ में दो नक्सलियों को मार गिराया गया था। इस वर्ष अब तक दंतेवाड़ा और नारायणपुर समेत बस्तर क्षेत्र के सात जिलों में सुरक्षाबलों ने अलग-अलग मुठभेड़ों में कुल 171 माओवादियों को मार गिराया है।
माओवादियों के खिलाफ सरकार की नई रणनीति, CRPF की 4 बटालियन होगी तैनात
छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में माओवादियों के खात्मे के लिए सरकार ने साल 2026 तक एक नई रणनीति बनाई है। इस योजना के तहत केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) की 4 नई बटालियन तैनात की जा रही हैं, जिनमें 3 बटालियन झारखंड और 1 बटालियन बिहार से भेजी जा रही हैं। यह अतिरिक्त बल करीब 4 हजार जवानों के साथ बस्तर के अलग-अलग जिलों में नक्सल विरोधी अभियान को और अधिक प्रभावी बनाएगा।
आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी दी कि कुछ जवान पहले ही बस्तर पहुंच चुके हैं और बाकी जवानों की ट्रेनिंग चल रही है। सरकार का दावा है कि यह नक्सलियों के खिलाफ अंतिम और निर्णायक लड़ाई है। फोर्स को और मजबूत करने के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाए जा रहे हैं, ताकि माओवादियों को जड़ से खत्म किया जा सके।