Tuesday, July 22, 2025
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चिड़ावा के राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत 51 पौधे रोपे, विद्यार्थियों ने ली पर्यावरण सरंक्षण की शपथ

चिड़ावा: श्री जमनादास अडूकिया राजकीय अंग्रेजी माध्यम विद्यालय में सोमवार को ‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के तहत वृक्षारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। पर्यावरण सरंक्षण की भावना को बढ़ावा देने के उद्देश्य से हुए इस आयोजन में विद्यालय परिवार और छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी उमादत्त झाझड़िया ने शिरकत की। उन्होंने छात्रों को प्रकृति के महत्व और वृक्षों की अनिवार्यता के बारे में जानकारी देते हुए उन्हें अधिक से अधिक पौधे लगाने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्था प्रधान प्रदीप मोदी ने की, जिन्होंने इस पहल को विद्यालय की सामाजिक जिम्मेदारी का हिस्सा बताया।

कार्यक्रम का संयोजन इको क्लब प्रभारी नरेंद्र झाझड़िया द्वारा किया गया। उन्होंने बताया कि विद्यालय परिसर में 51 पौधे लगाए गए, जिनमें छायादार, फलदार और सजावटी प्रजातियों के वृक्ष शामिल हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम केवल एक दिन का आयोजन नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति दीर्घकालिक चेतना विकसित करना है।

इस अवसर पर 351 विद्यार्थियों ने यह संकल्प लिया कि वे प्रत्येक छात्र के हिसाब से कम से कम 5 पेड़ अपने घर, खेत या गांव में लगाएंगे और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी निभाएंगे। यह शपथ समारोह बच्चों को पर्यावरण संरक्षक बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में देखा जा रहा है।

कार्यक्रम में व्याख्याता नरेंद्र प्रताप सिंह और ज्योति शर्मा ने भी भाग लिया। उन्होंने पौधारोपण के वैज्ञानिक व सामाजिक महत्व पर प्रकाश डाला और विद्यार्थियों को इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाने की प्रेरणा दी।

विद्यालय द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान को स्थानीय स्तर पर सराहना मिल रही है। आयोजन ने यह स्पष्ट किया कि शिक्षा संस्थान केवल पढ़ाई तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे समाज को जागरूक और उत्तरदायी नागरिक देने की दिशा में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।

‘एक पेड़ मां के नाम’ अभियान के माध्यम से विद्यालय ने न केवल पर्यावरण सरंक्षण की दिशा में एक सकारात्मक पहल की है, बल्कि छात्रों के भीतर प्रकृति के प्रति संवेदनशीलता और जिम्मेदारी का भाव भी रोपित किया है।

यह आयोजन चिड़ावा क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े प्रयासों की एक मिसाल बनकर उभरा है, जिससे अन्य शिक्षण संस्थान भी प्रेरणा ले सकते हैं।

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