Thursday, November 21, 2024
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चक्रवात ‘डाना’ का खतरा: बंगाल और ओडिशा में स्कूल-कॉलेज बंद, रेड अलर्ट जारी

कोलकाता: बंगाल की खाड़ी में बने निम्न दबाव क्षेत्र के चक्रवात “डाना” में बदलने की संभावना के चलते पश्चिम बंगाल सरकार ने सतर्कता बरतते हुए नौ जिलों में 23 से 26 अक्टूबर तक सभी स्कूल और कॉलेज बंद रखने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार शाम को राज्य सचिवालय नवान्न में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में यह घोषणा की। सरकार ने इस चक्रवात के संभावित खतरों से निपटने के लिए तटीय जिलों में विशेष तैयारियां की हैं।

ओडिशा में रेड अलर्ट, राष्ट्रपति का दौरा रद्द

ओडिशा सरकार ने भी चक्रवात की गंभीरता को देखते हुए रेड अलर्ट जारी किया है। वहां सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और सरकारी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। राष्ट्रपति का निर्धारित दौरा भी इस संकट के मद्देनजर रद्द कर दिया गया है। ओडिशा आपदा प्रतिक्रिया बल (ओडीआरएएफ) की 17 टीमें तैनात की गई हैं, और पर्यटकों को 24 व 25 अक्टूबर को पुरी की यात्रा न करने की सलाह दी गई है।

नौ जिलों में ऐहतियातन बंद रहेंगे स्कूल और कॉलेज

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चक्रवात ‘डाना’ से निपटने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा, “हम कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहते हैं, इसलिए समुद्र तटीय और आसपास के नौ जिलों में सभी स्कूल और कॉलेज बुधवार से शनिवार तक बंद रहेंगे।” जिन जिलों में यह आदेश लागू होगा उनमें उत्तर व दक्षिण 24 परगना, पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, झाड़ग्राम, बांकुड़ा, हुगली, हावड़ा और कोलकाता शामिल हैं।

राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने इस निर्णय के संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि 23 से 25 अक्टूबर तक दक्षिण बंगाल के विभिन्न जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं की संभावना है। तटीय क्षेत्रों में रहने वाले नागरिकों को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है।

समुद्री गतिविधियों पर रोक, मछुआरों को अलर्ट

मछुआरों को समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी गई है। यह रोक बुधवार से प्रभावी होगी और तब तक जारी रहेगी जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती। तटीय क्षेत्रों में लगातार माइकिंग के जरिए लोगों को सतर्क किया जा रहा है। ममता बनर्जी ने कहा कि दक्षिण 24 परगना, उत्तर 24 परगना, पूर्व मेदिनीपुर जिलों पर चक्रवात का सबसे अधिक असर हो सकता है। इसके अलावा पड़ोसी जिलों में भी तेज हवा और भारी बारिश की आशंका है। सभी जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का निर्देश दिया गया है।

प्रशासन पूरी तरह अलर्ट, नियंत्रण कक्ष स्थापित

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बताया कि राज्य और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF और NDRF) को तटीय जिलों में तैनात किया गया है। इन जिलों में फेरी सेवा बुधवार से निलंबित रहेगी, और तटीय क्षेत्रों में पर्यटकों की आवाजाही को भी नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि संबंधित जिलों में पर्याप्त राहत सामग्री उपलब्ध कराई गई है और राज्य व जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है।

वरिष्ठ अधिकारियों को दी गई विशेष जिम्मेदारी

चक्रवात से संभावित नुकसान को कम करने के लिए राज्य सरकार ने विभिन्न विभागों के प्रधान सचिवों को विशेष जिम्मेदारी दी है। मनीष जैन को दक्षिण 24 परगना, राजेश सिन्हा को उत्तर 24 परगना, राजेश पांडे को हावड़ा, सुरेंद्र गुप्ता को पश्चिम मेदिनीपुर, ओंकार सिंह मीणा को हुगली, परवेज अहमद सिद्दीकी को पूर्व मेदिनीपुर, सौमित्र मोहन को झाड़ग्राम और अवनींद्र शील को बांकुड़ा जिले का प्रभारी बनाया गया है।

24 अक्टूबर को राज्य कैबिनेट की बैठक

चक्रवात के मद्देनजर 24 अक्टूबर को राज्य कैबिनेट की बैठक भी आयोजित की जाएगी। ममता बनर्जी ने तटीय और दूरदराज के जिलों के मंत्रियों को सलाह दी है कि वे इस बैठक में शामिल न होकर अपने-अपने जिलों में रहें और चक्रवात के दौरान नागरिकों की सहायता करें।

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