पंजाब: गणतंत्र दिवस के अवसर पर हरियाणा, पंजाब समेत देश के कई राज्यों में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। किसानों की मुख्य मांगों में फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी समेत 13 अन्य मुद्दे शामिल हैं। पंजाब में 12 बजे से 3 बजे तक 200 से अधिक स्थानों पर ट्रैक्टर मार्च निकाले गए, जिनमें बड़ी संख्या में किसानों ने भाग लिया।
संयुक्त किसान मोर्चा (SKM), किसान मजदूर मोर्चा और पंजाब के विभिन्न किसान संगठनों ने इस आंदोलन का नेतृत्व किया। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी किसानों का समर्थन किया और केंद्र सरकार से जल्द वार्ता करने की अपील की।
पंजाब में इन स्थानों पर निकाले गए ट्रैक्टर मार्च
पंजाब में विभिन्न जिलों में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर विरोध प्रदर्शन किया। लुधियाना में किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लुधियाना-जालंधर हाईवे पर ट्रैक्टर मार्च निकाला। अमृतसर में होलसेल के पास ट्रैक्टरों की लंबी कतारें देखी गईं, वहीं डी-मार्ट के पास भी किसानों ने मार्च निकाला।

पटियाला में 9 स्थानों पर किसानों ने ट्रैक्टर मार्च किया। करनाल में भी किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए अपना विरोध दर्ज कराया। किसान नेताओं ने कहा कि वे अपने तरीके से गणतंत्र दिवस मना रहे हैं और यह प्रदर्शन उनके हक के लिए संघर्ष का हिस्सा है।
हरियाणा में भी किसानों का प्रदर्शन जारी
हरियाणा में भी किसानों ने विभिन्न जिलों में ट्रैक्टर मार्च निकाले। अंबाला में भारतीय किसान यूनियन (BKU) शहीद भगत सिंह गुट के नेतृत्व में किसानों ने ट्रैक्टर मार्च किया। हिसार और कैथल के चीका ब्लॉक में भी ट्रैक्टर मार्च निकाले गए।
जींद में भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसानों ने प्रदर्शन किया। वहीं अंबाला में किसानों ने भाजपा मंत्री अनिल विज के घर का घेराव किया और उनके घर के बाहर ट्रैक्टर खड़े कर नारेबाजी की। इस दौरान उनके घर के बाहर सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई।
इसके अलावा रोहतक, उचाना और सिरसा में भी किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया।
सर्वजातीय आठ गामा खाप का समर्थन, किसान नेता परमिंदर सिंह का बयान
चरखी दादरी में सर्वजातीय आठ गामा खाप ने किसानों का समर्थन किया और खनौरी बॉर्डर पर पहुंचकर सरकार से उनकी मांगों को जल्द पूरा करने की अपील की। किसान नेता परमिंदर सिंह ने कहा कि यह केवल किसानों की लड़ाई नहीं, बल्कि पूरे देश के अन्नदाताओं की आवाज है। उन्होंने जनता से किसानों के समर्थन में आगे आने की अपील की।
उन्होंने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ रहा है और सरकार को जल्द से जल्द उनकी मांगों को स्वीकार करना चाहिए।

सरवन सिंह पंधेर का बयान – सफल रहा ट्रैक्टर मार्च
किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि देश के 12 से 13 राज्यों में ट्रैक्टर मार्च सफल रहा। हरियाणा और पंजाब में भारी संख्या में किसानों ने हिस्सा लिया। उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को किसान अमृतसर से रवाना होंगे और 30 जनवरी को शंभू बॉर्डर पहुंचेंगे।
इसके अलावा, उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री सैनी पर निशाना साधते हुए कहा कि वे ‘डबल इंजन सरकार’ की बात करते हैं और कहते हैं कि हरियाणा के किसान खुशहाल हैं। लेकिन अगर हरियाणा के किसान खुश हैं, तो इतनी बड़ी संख्या में किसानों को ट्रैक्टर मार्च निकालने की जरूरत क्यों पड़ी?
भगवंत मान ने जताया किसानों के प्रति समर्थन
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि पंजाब के किसानों ने हमेशा देश का भला किया है, लेकिन आज वे सड़कों पर आंदोलन करने के लिए मजबूर हैं। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की कि किसानों की मांगों को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि वे खेतों में लौट सकें और ट्रैक्टरों को प्रदर्शन के बजाय खेती के लिए इस्तेमाल कर सकें।
उन्होंने केंद्र सरकार से ग्रामीण विकास फंड और मंडियों के लिए आर्थिक सहायता जारी करने की मांग की और कहा कि यदि सरकार ऐसा नहीं करती है, तो पंजाब सरकार कानूनी कार्रवाई करने को मजबूर होगी।
किसानों की रणनीति – भाजपा कार्यालय और मॉल्स के बाहर प्रदर्शन
किसान नेताओं ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर विरोध प्रदर्शन के लिए विशेष रणनीति तैयार की थी। इसके तहत, 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे के बीच किसान अपने ट्रैक्टर भाजपा कार्यालयों और बड़े शॉपिंग मॉल्स के बाहर खड़ा करने की योजना बनाई थी।
संयुक्त किसान मोर्चा और अन्य संगठनों ने इस विरोध प्रदर्शन को सफल बनाने के लिए किसानों से अपील की थी कि वे अपने ट्रैक्टरों को तहसील स्तर पर मार्च के लिए तैयार रखें और एक निर्धारित मार्ग के अनुसार प्रदर्शन करें।
सरवन सिंह पंधेर ने केंद्र सरकार से वार्ता की मांग की
कृषि मंत्रालय की संयुक्त सचिव प्रिया रंजन के नेतृत्व में केंद्र सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने खनौरी बॉर्डर पर किसान संगठनों से बातचीत की। इस दौरान उन्होंने 14 फरवरी से वार्ता शुरू करने का प्रस्ताव रखा।
लेकिन किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 14 फरवरी बहुत दूर की तारीख है और सरकार को जल्द से जल्द वार्ता करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों से बातचीत करने में पहले ही बहुत देर कर दी है।
62 दिनों से अनशन पर बैठे जगजीत सिंह डल्लेवाल
खनौरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 62 दिनों से आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। इस दौरान उनकी तबीयत कई बार बिगड़ चुकी है, लेकिन उन्होंने अपना आंदोलन जारी रखा है।
पंजाब सरकार ने हाल ही में उनकी सेहत से जुड़ी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में पेश की, जिसमें बताया गया कि उनकी हालत में कुछ सुधार हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में इस मुद्दे पर अब तक 10 बार चर्चा हो चुकी है, लेकिन केंद्र सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।