पिलानी, 17 अगस्त 2024: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल की रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के विरोध में आज पिलानी ब्लॉक के सभी हॉस्पिटल में डॉक्टर्स ने ओपीडी का बहिष्कार किया। अखिल राजस्थान सेवारत चिकित्सा संघ व इंडियन मेडिकल एसोसिएशन द्वारा जारी निर्देश पर ओपीडी बहिष्कार व श्रद्धांजलि कार्यक्रम में सभी सरकारी व निजी हॉस्पिटल के डॉक्टर्स भी शामिल हुए।
इस दौरान कस्बे के अधिकांश अस्पतालों में डॉक्टर्स ने ओपीडी सहित इमरजेंसी सेवाओं का भी बहिष्कार किया। सामुदायिक चिकित्सा केन्द्र (सीएचसी) में इमरजेंसी पेशेंट्स को अटेंड किया गया था। बिरला सार्वजनिक हॉस्पिटल, कल्पवृक्ष हॉस्पिटल, महादेव सिंघी आई हॉस्पिटल सहित अन्य सभी हॉस्पिटल्स में भर्ती मरीजों के अलावा अन्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और मरीजों को काफी परेशान होना पड़ा।
सीएचसी पर डॉक्टर्स का विरोध प्रदर्शन
पिलानी सीएचसी पर इंचार्ज डॉ. राजीव दुलड़, डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, डॉ. विकास बड़सरा, डॉ. रुचिका झझड़िया के साथ नर्सिंग स्टाफ के हरेन्द्र शर्मा, मंजू, पुष्पा, फार्मासिस्ट मीना, लैब टेक्नीशियन चुकेश कुमारी, स्वास्थ्य मार्गदर्शक रीतिका शर्मा, ऑक्सीजन प्लांट ऑपरेटर गौतम ने भी अपनी बांह पर काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में डॉक्टर विकास बड़सरा की 2 वर्ष की बेटी बेबी गर्विता भी बांह पर काली पट्टी बांध कर शामिल हुई।
सीएचसी इंचार्ज डॉ. विकास दुलड़ का कहना था कि जब एक महिला डॉक्टर अपने कार्यस्थल पर ही सुरक्षित नहीं है, तब देश में महिला सशक्तिकरण पर होने वाली तमाम चर्चाएं व दावे व्यर्थ है। सरकारों की जिम्मेदारी बनती है कि वे अस्पतालों में काम करने वाले डॉक्टर व अन्य स्टाफ को सुरक्षा उपलब्ध करवाए।
शाम 7 बजे डॉक्टर निकालेंगे कैंडल मार्च
कल्पवृक्ष हॉस्पिटल के निदेशक डॉ. करण बेनीवाल ने बताया कि शाम 7 बजे पिलानी के भगत सिंह सर्किल पर कस्बे के सभी डॉक्टर्स एकत्र होंगे और कोलकाता में हुए बर्बर घटनाक्रम के विरोध में कैंडल मार्च निकाला जाएगा।
एआईडीवाईओ ने भी किया प्रोटेस्ट
कोलकाता की निर्भया को न्याय की मांग को लेकर एआईडीवाईओ की ओर से शुक्रवार रात्रि को कैंडल मार्च निकालकर व 1 मिनट का मौन रख कर श्रद्धांजलि दी गई।
संगठन के विष्णु वर्मा, ओजस्वी पाराशर, महावीर प्रसाद शर्मा, शंकर दहिया व अन्य कार्यकर्त्ता प्रोटेस्ट में शामिल हुए। कॉमरेड शंकर दहिया ने घटना की निन्दा करते हुए दोषियों को फांसी की सजा देने की मांग की।