कर्नाटक: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री, विदेश मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल एसएम कृष्णा का सोमवार देर रात बेंगलुरु स्थित उनके आवास पर निधन हो गया। 92 वर्षीय कृष्णा ने रात करीब 2:45 बजे अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन पर कर्नाटक सरकार ने तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया है। इस दौरान राज्य में किसी भी प्रकार के सार्वजनिक उत्सव या कार्यक्रमों पर रोक रहेगी। उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा।
एसएम कृष्णा: एक विशिष्ट जीवन परिचय
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
1 मई, 1932 को कर्नाटक के मांड्या जिले के सोमनहल्ली में जन्मे एसएम कृष्णा का पूरा नाम सोमनहल्ली मल्लैया कृष्णा था। उनके पिता का नाम एससी मल्लैया था। कृष्णा ने प्रारंभिक शिक्षा मैसूर के महाराजा कॉलेज से प्राप्त की और बैंगलोर के सरकारी कॉलेज से कानून में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने अमेरिका का रुख किया, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून में पढ़ाई के साथ-साथ उन्होंने शिक्षण भी किया।
अमेरिका में राजनीतिक अनुभव
अमेरिका में पढ़ाई के दौरान, एसएम कृष्णा की राजनीति में रुचि बढ़ी। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के राष्ट्रपति उम्मीदवार जॉन एफ कैनेडी के प्रचार अभियान में हिस्सा लिया। 1961 में कैनेडी ने एक पत्र लिखकर कृष्णा के योगदान की सराहना की थी। यह अनुभव उनके जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा बना।
राजनीतिक करियर: पांच दशकों का सफर
प्रारंभिक राजनीति
कृष्णा ने 1962 में मद्दुर विधानसभा सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज कर राजनीति में प्रवेश किया। इसके बाद वे प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से जुड़े और बाद में कांग्रेस का हिस्सा बने।
मुख्यमंत्री और राज्यपाल के रूप में योगदान
1999 से 2004 तक वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे। उनके नेतृत्व में कर्नाटक ने आर्थिक और शैक्षिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की। 2004 से 2008 तक उन्होंने महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में सेवाएं दीं।
केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्यकाल
2009 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल किया और विदेश मंत्रालय की जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
भाजपा में शामिल होने का निर्णय
मार्च 2017 में एसएम कृष्णा ने कांग्रेस से 50 वर्षों का नाता तोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। उन्होंने कांग्रेस पर जननेताओं की अनदेखी का आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ी थी।
परिवार और व्यक्तिगत जीवन
एसएम कृष्णा का विवाह 29 अप्रैल, 1964 को प्रेमा के साथ हुआ था। उनके परिवार में पत्नी प्रेमा और दो बेटियां, शाम्भवी और मालविका हैं।
सम्मान और उपलब्धियां
2023 में एसएम कृष्णा को भारत सरकार ने पद्म विभूषण से सम्मानित किया। यह सम्मान उनके राजनीतिक, सामाजिक और अंतरराष्ट्रीय योगदान को मान्यता देता है।
अंतिम विदाई
कर्नाटक के मांड्या जिले में आज उनके पार्थिव शरीर को ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन से भारतीय राजनीति ने एक अनुभवी नेता को खो दिया है।