नई दिल्ली, 29 जुलाई: ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित राव आईएएस स्टडी सेंटर में शनिवार को हुए हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन करीब 11 घंटे तक चला। दमकल विभाग और एनडीआरएफ के जवानों ने मिलकर सुबह छह बजे तक बेसमेंट में भरे पानी को निकालने का कार्य पूरा किया। इस ऑपरेशन में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन और भी कठिन हो गया।
रेस्क्यू ऑपरेशन की चुनौतियां
दमकल विभाग के अधिकारियों का कहना है कि आमतौर पर उनके जवान आग बुझाने में माहिर होते हैं, लेकिन इस बार उन्हें एक अलग परिस्थिति का सामना करना पड़ा। बेसमेंट की छत से पानी रिस रहा था और सड़क तथा स्टडी सेंटर की पार्किंग में पानी एक लेवल में था।
ड्रेनेज सिस्टम की विफलता
बाहर सड़क का ड्रेनेज सिस्टम ठप होने के कारण सड़क और स्टडी सेंटर की पार्किंग में पानी का स्तर बढ़ गया। पंप को स्टडी सेंटर के दोनों जीनों पर लगाया गया, लेकिन जितना पानी निकाला जा रहा था उतना ही वापस आ रहा था। रात 10 बजे के बाद सड़क का पानी डाउन होना शुरू हुआ, तब जाकर पंप से पानी को बाहर फेंकना शुरू किया गया।
पानी निकालने की प्रक्रिया
दमकल विभाग ने चार बड़े पंप को स्टडी सेंटर के दोनों जीनों पर लगाया, जिससे धीरे-धीरे पानी निकलना शुरू हुआ। बेसमेंट में भरा पानी काला और गंदा था, जिससे एनडीआरएफ के डाइवर्स को गोता लगाने में काफी दिक्कत हो रही थी। अंधेरे में लाइब्रेरी में रखी किताबें और लकड़ी का फर्नीचर पानी में तैर रहा था। बचाव कार्य के दौरान जवानों ने इन किताबों और फर्नीचर को भी बाहर निकाला।
कार्बन मोनोऑक्साइड की समस्या
शुरुआत में पंप को बाहर लगाया गया था, लेकिन पानी कम होने पर पंप को स्टडी सेंटर के दोनों जीनों के पास लगाया गया। पंप पेट्रोल से चल रहे थे, जिससे निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड की वजह से अंदर रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत हो रही थी। धीरे-धीरे सुबह छह बजे तक बेसमेंट से पानी निकालकर पूरी तलाशी ली गई।
सुबह छह बजे तक पानी पूरी तरह से निकाल लिया गया और बेसमेंट की तलाशी पूरी की गई। इस दौरान सभी जवानों ने अथक प्रयास किया और किसी भी प्रकार की जनहानि से बचने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए गए।