नई दिल्ली: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के संबंधों को लेकर सोमवार को विदेश मामलों की संसदीय समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। बैठक की अध्यक्षता समिति अध्यक्ष शशि थरूर ने की, जिसमें विभिन्न दलों के लगभग 24 सांसदों ने भाग लिया।

विपक्ष ने उठाया विदेश मंत्री के बयान पर सवाल
सूत्रों के अनुसार, बैठक में विपक्षी सांसदों ने विदेश मंत्री एस. जयशंकर के उस बयान को लेकर आपत्ति जताई, जिसमें पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी देने की बात कही गई थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश सचिव मिस्री ने स्पष्ट किया कि—
“ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन हमने 9 आतंकी ठिकानों पर हमला किया था। इसके बाद पाकिस्तान को केवल सूचनात्मक रूप से बताया गया कि हमने उनके आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया है। आगे की किसी भी सैन्य कार्रवाई के बारे में पाकिस्तान से कोई चर्चा नहीं हुई। विदेश मंत्री का बयान संदर्भ से हटकर प्रस्तुत किया गया है।”
सीजफायर में अमेरिका की भूमिका से किया इनकार
बैठक में सीजफायर के दौरान सैन्य कार्रवाई रोके जाने के मुद्दे पर भी सवाल उठाए गए। इस पर विदेश सचिव ने कहा—
“मिलिट्री ऑपरेशन रोकने में भारत की ओर से कोई पहल नहीं की गई थी। यह कार्रवाई पाकिस्तान के अनुरोध पर रोकी गई।”
वहीं, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मध्यस्थता को लेकर पूछे गए सवाल पर उन्होंने साफ किया कि—
“सीजफायर पूर्णतया द्विपक्षीय था, इसमें किसी तीसरे पक्ष की कोई भूमिका नहीं थी।”
मिस्री ने व्यंग्यात्मक अंदाज़ में कहा—
“मुझे नहीं लगता कि ट्रंप किसी फैसले से पहले मुझसे इजाज़त लेते हैं।”

सुरक्षा कारणों से नुकसान का ब्योरा नहीं
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत को हुए नुकसान को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश सचिव ने कहा कि सुरक्षा कारणों से वर्तमान में कोई जानकारी साझा नहीं की जा सकती।
तुर्की से संबंधों पर भी हुई चर्चा
बैठक में तुर्की के साथ भारत के रिश्तों पर भी चर्चा हुई। इस विषय पर विदेश सचिव ने बताया—
“ऐतिहासिक रूप से भारत-तुर्की संबंध बीते दशकों से सौहार्दपूर्ण नहीं रहे हैं। वहीं, पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते किस स्तर पर हैं, यह सभी को ज्ञात है।”
इन सांसदों की रही मौजूदगी
विदेश मामलों की स्थायी समिति की बैठक में सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इनमें प्रमुख रूप से शामिल रहे—
- शशि थरूर (अध्यक्ष)
- सागरिका घोष
- अभिषेक बनर्जी
- सतनाम सिंह संधू
- सुधांशु त्रिवेदी
- असदुद्दीन ओवैसी
- रविशंकर प्रसाद
- नवीन जिंदल
- प्रणिति शिंदे
- राजीव शुक्ला
- दीपेंद्र हुड्डा
- अपराजिता सारंगी
- अरुण गोविल
- ए. डी. सिंह
- मितेश पटेल
- अरविंद सावंत
- जॉन ब्रिटास