अमेरिका: मध्य पूर्व एक बार फिर उथल-पुथल के दौर में पहुंच गया है। ईरान के खिलाफ इस्राइल द्वारा किए गए बड़े और व्यापक हवाई हमले के बाद भू-राजनीतिक तनाव एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया है। इस हमले के बाद अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर तेहरान पर दबाव बढ़ाने की कोशिश की है। उन्होंने न केवल इस्राइल की कार्रवाई को उचित ठहराया, बल्कि ईरान को ही इसका जिम्मेदार ठहराया।

ट्रंप ने ईरान को ठहराया जिम्मेदार, दी चेतावनी
समाचार एजेंसी रॉयटर्स को दिए गए एक इंटरव्यू में ट्रंप ने खुलासा किया कि उन्होंने शुरू में इस्राइल को हमला टालने की सलाह दी थी ताकि ईरान को वार्ता के लिए पर्याप्त समय मिल सके। लेकिन उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका ने तेहरान को 60 दिनों का अल्टीमेटम दिया था — और आज 61वां दिन है।
ट्रंप ने स्पष्ट कहा:
“हमने ईरान के नेताओं को बहुत समझाया, लेकिन उन्होंने बात नहीं मानी। उन्होंने हमारी चेतावनियों की अवहेलना की और अब परिणाम भुगत रहे हैं।”
सोशल मीडिया पर ट्रंप का आक्रामक रुख
अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रूथ पर ट्रंप ने लिखा:“मुझे लगता है कि यह (इस्राइली हमला) बहुत बढ़िया रहा। हमने ईरान को मौका दिया लेकिन उन्होंने इसका फायदा नहीं उठाया। उन्हें अब समझना चाहिए कि अगर वे अब भी नहीं माने, तो कुछ भी नहीं बचेगा। अभी और भी बहुत कुछ आना बाकी है।”
उन्होंने संकेत दिया कि आगे की कार्रवाई और भी “क्रूर” होगी और यह कि पहले से ही अगली लहर की योजना बन चुकी है।
अमेरिका अब भी वार्ता को तैयार, लेकिन आशंका प्रबल
ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वाशिंगटन अभी भी परमाणु समझौते की वार्ता के लिए ओमान में 15 जून को निर्धारित बैठक की योजना पर कायम है। अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकॉफ इस बैठक में ईरानी प्रतिनिधियों से मुलाकात करने वाले हैं। लेकिन ट्रंप ने आशंका जताई कि इस्राइली हमले के बाद ईरान शायद ही इस वार्ता में हिस्सा ले।

ईरान का जवाब: ‘इस्राइल की कायरतापूर्ण कार्रवाई का देंगे मुंहतोड़ जवाब’
ईरानी विदेश मंत्रालय ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से आपात बैठक बुलाने की मांग की है। अपने पत्र में ईरान ने लिखा:
“हम इस्राइल के गैरकानूनी और कायरतापूर्ण हमले का निर्णायक और उसी अनुपात में जवाब देंगे।”
ईरान की समाचार एजेंसी फार्स ने उन मीडिया रिपोर्टों का खंडन किया है जिनमें दावा किया गया था कि ईरान ने पहले इस्राइल पर ड्रोन से हमला किया था।
वहीं नूरन्यूज के मुताबिक इस्राइली हमले में तेहरान के रिहायशी इलाकों में भारी नुकसान हुआ है। अब तक 78 लोगों की मौत और 329 से अधिक के घायल होने की पुष्टि की गई है।