वाशिंगटन, अमेरिका: अमेरिकी खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) की हालिया रिपोर्ट में कोरोना वायरस (COVID-19) के लैब में तैयार होने की आशंका जताई गई है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन की वायरोलॉजी लैब से वायरस लीक होने की संभावना है, हालांकि इसमें यह भी कहा गया है कि इस दावे को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत उपलब्ध नहीं हैं।
शनिवार को जारी इस रिपोर्ट ने एक बार फिर से कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय बहस छेड़ दी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्व में भी कई विश्लेषणों में चीन की लैब को लेकर संदेह जताया गया था, जबकि कुछ वैज्ञानिक रिपोर्ट्स में वायरस के प्राकृतिक रूप से फैलने की संभावना जताई गई थी।
बाइडेन प्रशासन के आदेश पर CIA रिपोर्ट जारी
इस रिपोर्ट को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और CIA के पूर्व निदेशक विलियम बर्न्स के निर्देश पर तैयार किया गया था। इसे सार्वजनिक करने का निर्णय पूर्व CIA निदेशक जॉन रैटक्लिफ द्वारा लिया गया, जो डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन के दौरान इस पद पर नियुक्त थे।

एसोसिएटेड प्रेस (AP) की रिपोर्ट के अनुसार, इस रिपोर्ट में कोई नई खुफिया जानकारी नहीं जोड़ी गई है, बल्कि पहले से मौजूद डेटा और विश्लेषण के आधार पर इसे तैयार किया गया है।
वायरस की उत्पत्ति पर विवाद फिर हुआ तेज
इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चल रहा विवाद फिर से तेज हो गया है। रिपोर्ट में चीन की वायरोलॉजी लैब में किए गए प्रयोगों और वायरस की संरचना का गहन विश्लेषण किया गया है। हालांकि, अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने यह भी माना है कि चीन के सहयोग के बिना इस रहस्य को पूरी तरह सुलझाना मुश्किल है।
अमेरिकी सांसदों ने CIA और अन्य खुफिया एजेंसियों पर दबाव बनाया है कि वे कोविड-19 की उत्पत्ति पर अधिक पारदर्शिता बरतें। अमेरिकी सीनेट इंटेलिजेंस कमेटी के अध्यक्ष और रिपब्लिकन सीनेटर टॉम कॉटन ने इस रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के फैसले की सराहना की।
चीन ने रिपोर्ट को राजनीति से प्रेरित बताया
चीन ने इस रिपोर्ट को आधारहीन और राजनीतिक साजिश करार दिया है। वॉशिंगटन स्थित चीनी दूतावास के प्रवक्ता लियू पेंग्यू ने बयान जारी कर कहा,
“हम वायरस की उत्पत्ति को राजनीतिक रंग देने और चीन को बदनाम करने की हर कोशिश का कड़ा विरोध करते हैं। हम सभी देशों से विज्ञान का सम्मान करने और साजिश सिद्धांतों को बढ़ावा न देने की अपील करते हैं।”
चीनी वैज्ञानिकों और कई अंतरराष्ट्रीय शोधकर्ताओं का मानना है कि कोरोना वायरस संभवतः चमगादड़ों से इंसानों में फैला होगा। पहले भी SARS और MERS जैसे वायरस चमगादड़ों से ही फैले थे, जो बाद में अन्य जानवरों (जैसे रैकून डॉग, सिवेट कैट्स और बांस के चूहे) के माध्यम से इंसानों में पहुंचे।

पहले भी उठे हैं लैब लीक के दावे
पहले भी कई रिपोर्ट्स में चीन के वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी की लैब से कोरोना वायरस लीक होने का संदेह जताया गया था। दो साल पहले अमेरिकी ऊर्जा विभाग ने अपनी एक रिपोर्ट में ‘लैब लीक’ थ्योरी को सबसे सटीक संभावना बताया था।
रैटक्लिफ, जो ट्रम्प प्रशासन में CIA के निदेशक थे, पहले भी इस थ्योरी का समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन ने पारदर्शिता नहीं बरती, जिससे शक गहराता है।
दावा: ट्रम्प ने पुतिन को टेस्टिंग किट भेजी थी
इस बीच, अमेरिकी अखबार वॉशिंगटन पोस्ट के वरिष्ठ पत्रकार बॉब वुडवर्ड ने अपनी नई किताब ‘वॉर’ में खुलासा किया है कि डोनाल्ड ट्रम्प ने 2020 में कोविड महामारी के दौरान रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निजी उपयोग के लिए कोरोना टेस्टिंग किट भेजी थी।
रिपोर्ट के मुताबिक, पुतिन ने ट्रम्प से इस बात को गुप्त रखने की अपील की थी, ताकि इस खबर के सार्वजनिक होने पर अमेरिकी जनता ट्रम्प से नाराज न हो।