Wednesday, December 4, 2024
Homeराजस्थानअजमेर दरगाह को मंदिर बताने पर भड़के MP चंद्रशेखर, कहा- देश में...

अजमेर दरगाह को मंदिर बताने पर भड़के MP चंद्रशेखर, कहा- देश में नफरत फैलाने की साजिश

अजमेर, राजस्थान: ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल बताने वाली याचिका पर अदालत ने सुनवाई के लिए तैयार होने का संकेत दिया है, जिससे राजनीतिक और सामाजिक हलकों में हलचल मच गई है। इस याचिका के दायर होने के बाद भीम आर्मी प्रमुख और नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि यह मामला देश में नफरत और सांप्रदायिक सौहार्द की जगह विभाजन फैलाने की एक साजिश है।

चंद्रशेखर ने ‘X’ प्लेटफॉर्म पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “अजमेर दरगाह के बहाने जरूरी मुद्दों से ध्यान भटकाकर देश को नफरत की आग में झोंकने का एक नया षड्यंत्र तैयार हो चुका है।” उन्होंने यह भी कहा कि 1991 का पूजा स्थल कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि 15 अगस्त 1947 के बाद किसी भी धार्मिक स्थल का स्वरूप नहीं बदला जा सकता, और ऐसे मामलों पर अदालत में सुनवाई नहीं की जा सकती। लेकिन, चंद्रशेखर का आरोप है कि हिंदुत्व के एजेंडे को पूरा करने के लिए इस कानून और संविधान की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। उन्होंने इसे शर्मनाक बताते हुए कहा कि यह वही लोग हैं जो कुछ समय पहले संविधान को माथे पर लगा कर उसकी पूजा करने का दिखावा कर रहे थे।

संभल जैसी घटनाओं से बचने की अपील

चंद्रशेखर ने देश के माहौल को लेकर भी चिंता जताई और पूछा कि नफरती ताकतें आखिर कब तक देश के माहौल में जहर घोलती रहेंगी? उन्होंने यह भी कहा कि केवल मुस्लिम समाज नहीं, बल्कि हिंदू और सिख समाज भी सूफी संत मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर आस्था रखते हैं। उन्होंने सर्वोच्च न्यायालय से अपील की कि वह इस मामले में दखल देकर 1991 के पूजा स्थल कानून की रक्षा करें और उसे पूरी तरह से लागू करने का आदेश पारित करें, ताकि देश में कोई और “संभल जैसी शर्मनाक घटनाएं” न हो सकें।

चंद्रशेखर ने आगे कहा कि उनकी पार्टी, आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम), इस मुद्दे पर हर कदम पर न्याय के साथ खड़ी है। उन्होंने यह भी कहा कि वे कोर्ट, सड़क और संसद में जहां भी जरूरी होगा लड़ाई लड़ेंगे, लेकिन सूझबूझ और संयम से काम लेना होगा, ताकि इन नफरती ताकतों के मंसूबे कामयाब न हो सकें।

राजनीतिक बयानबाजी और सांप्रदायिक सौहार्द पर असर

इस पूरे मामले में राजनीति का रंग भी गहरा होता जा रहा है। अजमेर दरगाह के खदिमों की संस्था, अंजुमन सैयद जादगान के सचिव, सरवर चिश्ती ने इस विवाद पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि दरगाह आस्था और सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है और इसके विश्वभर में करोड़ों अनुयायी हैं। चिश्ती ने यह भी कहा कि पिछले तीन वर्षों से हिंदू सेना इस तरह की बयानबाजी कर रही है, जो देश के लिए हितकारी नहीं है। उन्होंने बाबरी मस्जिद विवाद का हवाला देते हुए कहा कि, “हमने सोचा था कि इसके बाद देश में हालात सामान्य हो जाएंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”

क्या है पूरा मामला?

यह विवाद तब शुरू हुआ जब हिंदू सेना के सदस्य विष्णु गुप्ता ने अजमेर स्थित ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती की दरगाह को हिंदू पूजा स्थल बताने वाली याचिका अदालत में दायर की। इस याचिका के बाद, निचली अदालत ने सभी पक्षकारों को नोटिस जारी कर दिया है। अब, इस पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर को होगी। दरगाह की देखरेख करने वाली संस्था और खदिमों ने इस मामले को कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया है।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!