सूरजगढ़, 22 मई 2025: कस्बे के पीएमश्री श्रीकृष्ण परिषद् राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय के प्रांगण में निशुल्क योग प्रशिक्षण शिविर की शुरुआत उल्लासपूर्वक की गई। यह आयोजन आयुर्वेद विभाग झुंझुनू और पतंजलि योग समिति सूरजगढ़ के सहयोग से सम्पन्न हुआ। शिविर के शुभारंभ अवसर पर बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, योग साधक और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत तहसीलदार चंद्रशेखर यादव द्वारा सरस्वती चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन कर की गई। उन्होंने योग को जीवन का आवश्यक हिस्सा बताते हुए कहा कि यह न केवल शरीर को स्वस्थ रखने का माध्यम है, बल्कि मानसिक संतुलन और आत्मिक शांति का भी रास्ता है। उन्होंने उपस्थित नागरिकों से शिविर में भाग लेने की अपील की।

रोचक योग सत्र और प्रेरक अभ्यास
योग प्रशिक्षक कालीचरण सोनी ने हास्यासन के माध्यम से साधकों को योगाभ्यास कराते हुए मानसिक स्वास्थ्य के महत्व पर जोर दिया। उनके सत्र ने उपस्थित लोगों को न केवल आनंदित किया बल्कि योग के प्रति रुचि भी बढ़ाई।
योगाचार्य रामपाल सिंह सिहाग ने सूक्ष्म व्यायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाति और शीर्षासन जैसे व्यावहारिक योगाभ्यास करवा कर साधकों को शारीरिक लचीलापन और स्वास्थ्य लाभ की दिशा में मार्गदर्शन किया।
इस अवसर पर योगा गर्ल सुदेश खरड़िया ने युवाओं और महिलाओं के बीच उन्नत योगासन प्रस्तुत कर प्रेरणा का संचार किया। उनके अभ्यास ने यह सिद्ध किया कि योग सीमाओं से परे एक व्यक्तिगत साधना है।
विशिष्ट उपस्थिति और सहभागिता
शिविर में भारत स्वाभिमान ट्रस्ट के जिला अध्यक्ष रामपाल सिंह सिहाग, पतंजलि के जिला मीडिया प्रभारी मनोहर लाल जांगिड़, ब्लॉक नोडल अधिकारी मनरूप काजला, पर्यावरण प्रभारी जयसिंह झाझड़िया, तहसील अध्यक्ष हेतराम राजोरिया, महावीर इंटरनेशनल केंद्र सूरजगढ़ के अध्यक्ष बृजेश पूनिया, सचिव अनिल शर्मा अनमोल, उपाध्यक्ष मंजू ठोलिया मृदुला, कोषाध्यक्ष और स्काउट गाइडर मनीषा सैनी मन्नू, स्काउट गाइड राजकुमार सैनी, दीपक जांगिड़, जगदेव सिंह खरड़िया, भगवती प्रसाद सोनी, रामावतार गुप्ता, अशोक कटेवा, सुरेश कुमावत और ओमप्रकाश नायक समेत अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।

योग से जनजागृति की ओर कदम
चंद्रशेखर यादव ने अपने संदेश में कहा कि योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं बल्कि संपूर्ण जीवन पद्धति है, जो व्यक्ति को आत्म-नियंत्रण, अनुशासन और शांति की ओर ले जाती है। उन्होंने लोगों से नियमित योग अपनाने और अपने परिवेश में इसके लाभों को फैलाने की अपील की।
इस आयोजन का संचालन पूर्ण अनुशासन के साथ किया गया, जिसमें सभी स्वयंसेवकों और प्रशिक्षकों ने सक्रिय भूमिका निभाई। यह शिविर न केवल स्वास्थ्य जागरूकता का माध्यम बना, बल्कि जन सहभागिता के बल पर एक सकारात्मक सामाजिक संदेश भी स्थापित किया।
सूरजगढ़ में आयोजित यह योग शिविर इस बात का उदाहरण है कि जब जनभागीदारी और संस्थागत सहयोग एक साथ आते हैं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव की नींव रखी जा सकती है। यह आयोजन एक आंदोलन का स्वरूप लेता जा रहा है, जहां योग के माध्यम से स्वस्थ और संतुलित जीवन की दिशा में समाज अग्रसर हो रहा है।