चिड़ावा: अखिल भारतीय किसान सभा के बैनर तले शुक्रवार को चिड़ावा में किसानों ने अपनी विभिन्न समस्याओं को लेकर एक रैली निकाली और सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। कबूतर खाना बस स्टैंड से शुरू हुई यह रैली मुख्य बाजार और कोर्ट रोड से होते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंची, जहां किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम 10 सूत्री मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। किसानों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
स्मार्ट मीटर, मुआवजा और कर्ज माफी हैं प्रमुख मांगें
किसानों की मांगों में कई महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल थे। ज्ञापन में 1994 के यमुना जल समझौते को तत्काल प्रभाव से लागू करने की मांग की गई ताकि क्षेत्र को सिंचाई के लिए पानी मिल सके। इसके साथ ही, 765 केवी हाईटेंशन लाइन से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजा देने और स्मार्ट मीटर के नाम पर हो रही कथित लूट को तुरंत बंद करने की मांग प्रमुखता से उठाई गई।
दूध का समर्थन मूल्य ₹100 करने और फसल खराबे का मुआवजा मांगा
किसानों ने रबी 2022-23 के बकाया फसल मुआवजे का शीघ्र भुगतान करने और हाल ही में हुई बरसात से खराब हुई फसलों का त्वरित मुआवजा देने की भी मांग की। पशुपालकों की समस्या को उठाते हुए गाय के दूध का समर्थन मूल्य 60 रुपये प्रति लीटर और भैंस के दूध का समर्थन मूल्य 100 रुपये प्रति लीटर करने की मांग की गई। इसके अलावा, किसानों का संपूर्ण कर्ज माफ करने, बेसहारा पशुओं की समस्या का स्थायी समाधान करने और तहसील स्तर पर सभी कृषि जिंसों की समर्थन मूल्य पर खरीद सुनिश्चित करने जैसी मांगें भी ज्ञापन में शामिल थीं।
कई किसान नेता रहे मौजूद, संघर्ष जारी रखने का संकल्प
एसडीएम कार्यालय पर अतिरिक्त प्रशासनिक अधिकारी कैलाश सिंह कविया को ज्ञापन सौंपने के बाद किसानों ने धरना भी दिया। इस दौरान किसान नेताओं ने संघर्ष जारी रखने का संकल्प दोहराया। रैली में महिला प्रकोष्ठ की जिला महामंत्री सुनीता साईं पवार, जिला उपाध्यक्ष बजरंग बराला, तहसील अध्यक्ष राजेंद्र सिंह चाहर, बुहाना संयोजक रणधीर ओला, मदन सिंह यादव, सुनील सोमरा, सुभाष गोदारा, शीशराम डांगी, जयसिंह भास्कर, प्रताप सिंह, विनोद कुमार शर्मा, मुख्तार सिंह, राजकुमार शर्मा और राजेंद्र सिंह जांगिड़ सहित कई किसान नेता और ग्रामीण शामिल हुए।





