नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच हालिया कूटनीतिक और सैन्य तनाव का असर अब खेल जगत पर भी स्पष्ट रूप से देखने को मिल रहा है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने एक बड़ा फैसला लेते हुए आगामी महिला इमर्जिंग टीम एशिया कप और पुरुष एशिया कप से हटने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब पाकिस्तान एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) की अध्यक्षता कर रहा है और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के प्रमुख मोहसिन नकवी वर्तमान में ACC के चेयरमैन भी हैं।

BCCI का बयान: ‘यह देश की भावना से जुड़ा मामला है’
BCCI के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया,
“भारतीय टीम ऐसे किसी टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं ले सकती, जिसकी अगुवाई पाकिस्तान के किसी मंत्री या अधिकारी द्वारा की जा रही हो। यह फैसला देश की भावनाओं और राष्ट्रीय स्वाभिमान से जुड़ा हुआ है। हमने ACC को मौखिक रूप से सूचित कर दिया है कि भारतीय महिला इमर्जिंग टीम एशिया कप में भाग नहीं लेगी और भविष्य में भी ऐसे आयोजनों में भारत की भागीदारी फिलहाल रोक दी गई है। हम भारत सरकार के संपर्क में हैं और सभी फैसले राष्ट्रीय हित को ध्यान में रखते हुए लिए जा रहे हैं।”
पुरुष एशिया कप पर संकट के बादल
सितंबर 2025 में भारत में प्रस्तावित पुरुष एशिया कप की आयोजन प्रक्रिया भी अब अनिश्चितता में घिर गई है। इस टूर्नामेंट में भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान की टीमें हिस्सा लेतीं, लेकिन BCCI के इस रुख के बाद पूरे टूर्नामेंट के टलने की संभावना प्रबल हो गई है।

सूत्रों के अनुसार,
“BCCI जानता है कि भारत के बिना एशिया कप का आयोजन वाणिज्यिक दृष्टिकोण से असंभव है। अधिकांश प्रायोजक भारत से आते हैं और भारत-पाकिस्तान मैच ब्रॉडकास्टिंग के लिहाज से सबसे अधिक लाभकारी होता है। ऐसे में यदि भारत हटता है, तो ब्रॉडकास्टर्स और प्रायोजकों की रुचि भी समाप्त हो सकती है।”
पाकिस्तान क्रिकेट की अलग-थलग करने की रणनीति?
‘इंडियन एक्सप्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, BCCI का यह फैसला पाकिस्तान क्रिकेट को कूटनीतिक रूप से अलग-थलग करने की एक रणनीति का हिस्सा है। यह कदम भारतीय खेल नीति में बदलते दृष्टिकोण को दर्शाता है, जहां अब कूटनीतिक और सुरक्षा मसलों को खेल निर्णयों में प्रमुखता दी जा रही है।