जयपुर: राजस्थान में मतदाता सूची को अद्यतन और पारदर्शी बनाने के लिए SIR यानी Special Intensive Revision प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस अभियान के अंतर्गत राज्य के हर पात्र मतदाता को परिगणना फॉर्म भरना अनिवार्य किया गया है। यह फॉर्म संबंधित क्षेत्र के बीएलओ को समय रहते जमा कराना जरूरी है, अन्यथा नाम मतदाता सूची से हटाया जा सकता है।
इस विशेष गहन पुनरीक्षण का उद्देश्य मतदाता सूची से मृत व्यक्तियों के नाम हटाना, स्थायी निवास बदल चुके लोगों का नाम निकालना, एक से अधिक स्थानों पर दर्ज नाम हटाना और फर्जी मतदाताओं की पहचान कर उन्हें सूची से हटाना है। इसके जरिए निर्वाचन आयोग मतदाता सूची को शुद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी बनाना चाहता है।
फॉर्म भरने से पहले दो नवीनतम रंगीन पासपोर्ट साइज फोटो (सफेद पृष्ठभूमि के साथ) तैयार कराना आवश्यक है। साथ ही आयोग द्वारा निर्धारित 11 दस्तावेजों की सूची में से कम से कम दो दस्तावेज प्रस्तुत करना जरूरी होगा। दस्तावेजों में सरकारी पहचान पत्र, पेंशन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, मूल निवास प्रमाण पत्र, 10वीं की मार्कशीट, वन अधिकार प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर की प्रविष्टि (जहां लागू हो), परिवार रजिस्टर तथा भूमि या गृह आवंटन प्रमाण पत्र शामिल हैं।
जिन नागरिकों का जन्म 1 जुलाई 1987 से पहले हुआ है, उन्हें स्वयं के एक दस्तावेज की आवश्यकता होगी। जिनका जन्म 1 जुलाई 1987 से 2 दिसंबर 2004 के बीच हुआ है, उनके लिए स्वयं और माता या पिता के मिलाकर दो दस्तावेज अनिवार्य हैं। वहीं जिनका जन्म 2 दिसंबर 2004 के बाद हुआ है, उन्हें स्वयं, माता और पिता के तीन दस्तावेज प्रस्तुत करने होंगे।
इस प्रक्रिया को लेकर निर्वाचन विभाग ने स्पष्ट निर्देश जारी किए हैं कि मतदाता सूची को स्वच्छ और अद्यतन करने में नागरिकों की सक्रिय भागीदारी जरूरी है। इसके बिना लोकतंत्र की नींव कमजोर हो सकती है। इसलिए हर नागरिक को न केवल स्वयं फॉर्म भरना चाहिए बल्कि अपने परिवार, पड़ोसियों और परिचितों को भी इसके लिए प्रेरित करना चाहिए।
SIR प्रक्रिया एक महत्वपूर्ण पहल है जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि केवल सही, प्रमाणिक और सक्रिय मतदाता ही सूची में शामिल हों। यह अभियान राज्य भर में समान रूप से चलाया जा रहा है और समयसीमा में ही सभी दस्तावेजों के साथ फॉर्म भरकर बीएलओ को जमा करना आवश्यक है।
निर्वाचन विभाग की इस मुहिम का मकसद आगामी चुनावों को अधिक निष्पक्ष, पारदर्शी और भरोसेमंद बनाना है।