पाकिस्तान: पाकिस्तान, जो पहले ही भारतीय सीमा पर ड्रोन हमलों की कोशिशों में उलझा हुआ है, अब घरेलू मोर्चे पर भी गंभीर संकट का सामना कर रहा है। बलूचिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तानी सेना के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई को तेज़ कर दिया है, जिसके कारण पाकिस्तान को एक नया मोर्चा खोलना पड़ा है।
बलोचिस्तान में सेना पर हमले
BLA के प्रवक्ता जियांद बलोच ने एक बयान जारी कर बताया कि उनकी सेना ने बलूचिस्तान के 39 विभिन्न ठिकानों पर हमला किया है। इनमें बड़े हाइवे, पुलिस चौकियां और सेना के काफिले शामिल हैं। इस कार्रवाई को “बलूचिस्तान की आज़ादी के लिए संघर्ष” का हिस्सा बताया गया है, जिसमें पाकिस्तानी पुलिस और सेना को निशाना बनाया गया। बयान में यह भी कहा गया कि इस ऑपरेशन के दौरान कई पाकिस्तानी सेना के हथियारों और गोला-बारूद को कब्जे में लिया गया है।

BLA ने इस ऑपरेशन को जारी रखते हुए कहा है कि इसके अगले चरण में और भी सैनिक ठिकानों और हाइवे को निशाना बनाया जाएगा। बलोच लिबरेशन आर्मी के अनुसार, यह हमले पाकिस्तान की “दमनकारी नीतियों” का जवाब हैं और बलूच जनता पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में किए जा रहे हैं।
7 से 9 मई के बीच हुए हमले
पाकिस्तानी सेना के लिए यह संकट 7 मई से 9 मई के बीच और बढ़ गया, जब BLA ने बलोचिस्तान प्रांत में कई घातक हमले किए। 7 मई को बोलन के मच-कच्छी जिले में एक सैन्य काफिले पर रिमोट-नियंत्रित IED हमला हुआ, जिसमें 12 सैनिक मारे गए, जिनमें विशेष अभियान कमांडर तारिक इमरान और सूबेदार उमर फारूक शामिल थे। उसी दिन केच के कुलाग तिगरान क्षेत्र में एक बम निष्क्रिय इकाई पर हमले में दो सैनिक और एक बम विशेषज्ञ की मौत हुई।
BLA ने इन हमलों को पाकिस्तान के खिलाफ बलूच जनता पर हो रहे अत्याचारों के बदले के रूप में पेश किया है। इसके अलावा, 8 मई को क्वेटा में BLA ने छह हमले किए, जिनमें सैन्य ठिकानों और सुरक्षा चौकियों को निशाना बनाया गया। इन हमलों में भी पाकिस्तानी सेना को भारी नुकसान हुआ है, और कई सैनिकों के मारे जाने की खबर है।

पाकिस्तान का दोहरी चुनौती का सामना
जहां एक ओर पाकिस्तान भारतीय सीमा पर ड्रोन हमलों के जरिए भारत से भिड़ने की असफल कोशिश कर रहा है, वहीं दूसरी ओर बलोच लिबरेशन आर्मी के हमलों से उसे अपने ही मुल्क में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के लिए यह स्थिति और भी चुनौतीपूर्ण हो गई है, क्योंकि उसे भारतीय सीमा पर सुरक्षा को बढ़ाने के साथ-साथ बलूचिस्तान में बीएलए के हमलों का भी जवाब देना है।
OIC की अपील
इस बीच, इस्लामिक देशों के संगठन (OIC) ने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को कम करने की अपील की है, जबकि पाकिस्तान को आतंकवाद पर कठोर कदम उठाने का भी सुझाव दिया है। पाकिस्तान के भीतर चल रहे इन आंतरिक संघर्षों को लेकर OIC ने चिंता व्यक्त की है, लेकिन पाकिस्तान पर यह दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह अपने आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर सुधारात्मक कदम उठाए।