पश्चिम बंगाल: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को एक ऐतिहासिक फैसले में पश्चिम बंगाल के 25,753 शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्तियों को रद्द कर दिया। यह निर्णय शिक्षक भर्ती घोटाले की गंभीरता को देखते हुए लिया गया, जिसमें चयन प्रक्रिया में भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के आरोप प्रमाणित पाए गए। कोर्ट ने उन नियुक्तियों को “धोखाधड़ी से की गई” मानते हुए संबंधित अभ्यर्थियों से वेतन भी वापस लेने का आदेश दिया है।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का तीखा बयान: “मैं जेल जाऊंगी, पर चुप नहीं रहूंगी”
इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को प्रेस को संबोधित करते हुए सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की। उन्होंने कहा:
“जब तक मैं जिंदा हूं, कोई भी योग्य शिक्षक अपनी नौकरी नहीं खोएगा।”
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि वह शिक्षकों के साथ खड़ी हैं और इस फैसले के खिलाफ संविधान के दायरे में रहकर हर संभव कदम उठाएंगी।
#WATCH | कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नौकरी गंवाने वाले शिक्षकों से मुलाकात की। सुप्रीम कोर्ट ने SSC द्वारा बंगाल के स्कूलों में 25,000 से अधिक कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने के कलकत्ता हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 7, 2025
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता… pic.twitter.com/iYNpbAp6kV
“बंगाल की प्रतिभा से डरते हैं लोग?” – ममता बनर्जी का सवाल
ममता बनर्जी ने यह भी सवाल उठाया कि केवल बंगाल को ही क्यों निशाना बनाया जा रहा है। उन्होंने उदाहरण दिया कि NEET परीक्षा में भी व्यापक आरोप लगे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उसे रद्द नहीं किया। उनके शब्दों में:
“हमें एक स्पष्ट लिस्ट चाहिए कि कौन योग्य है और कौन नहीं। किसी को भी शिक्षा व्यवस्था को बर्बाद करने का अधिकार नहीं है। क्या बंगाल की प्रतिभा से डरते हैं लोग?”

शिक्षा की रक्षा के लिए संघर्ष
ममता बनर्जी ने प्रेस वार्ता में अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया और कहा कि चाहे जो भी हो, वह योग्य शिक्षकों की नौकरी की रक्षा करेंगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अगर इस मुद्दे पर बोलने के कारण उन्हें जेल जाना पड़े तो वे पीछे नहीं हटेंगी।
“अगर कोई मुझे चुनौती देगा, तो मुझे जवाब देना आता है।”