वाशिंगटन, अमेरिका: मध्य पूर्व में ईरान और इजरायल के बीच बढ़ते तनाव के मद्देनज़र अमेरिका ने अपनी सैन्य उपस्थिति को और अधिक सशक्त करने के लिए क्षेत्र में बमवर्षक विमानों, लड़ाकू फाइटर प्लेनों और नौसेना के विमानों की तैनाती का आदेश दिया है। पेंटागन के प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने इस संबंध में जानकारी साझा करते हुए बताया कि इस फैसले का उद्देश्य क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखना और सहयोगी राष्ट्रों की रक्षा करना है।
ईरान और इजरायल के हालिया हमलों से बढ़ा तनाव
मध्य पूर्व में वर्तमान स्थिति तब तनावपूर्ण हो गई जब 1 अक्टूबर को ईरान ने इजरायल पर 180 से अधिक बैलेस्टिक मिसाइलों से हमला किया, जिससे इजरायल की सुरक्षा में खतरे की स्थिति उत्पन्न हो गई। इस हमले के बाद, 25 अक्टूबर को इजरायल ने जवाबी कार्रवाई करते हुए ईरान के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमला किया। इसके परिणामस्वरूप, ईरान ने फिर से पलटवार करने की चेतावनी दी, जिसके चलते अमेरिका ने क्षेत्र में अपने विमानों की तैनाती को बढ़ाने का निर्णय लिया।
अमेरिका द्वारा तैनात किए जाने वाले सैन्य उपकरण
इस फैसले के तहत, अमेरिका ने कई बी-52 बमवर्षक विमानों, लड़ाकू विमानों के एक स्क्वाड्रन, टैंकर विमानों और नौसेना के विध्वंसक विमानों की तैनाती का आदेश जारी किया है। जल्द ही ये विमान पश्चिम एशिया में स्थित अपने ठिकानों पर पहुंचेंगे। इसी बीच, यूएसएस अब्राहम लिंकन युद्धपोत अपने स्ट्राइक ग्रुप के साथ सैन डिएगो स्थित अपने बंदरगाह पर लौटने वाला है। इससे पहले यह युद्धपोत पश्चिम एशिया में तैनात था और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा था।
अमेरिका का इजरायल को समर्थन
अमेरिका ने यह भी स्पष्ट किया है कि वह किसी भी सूरत में इजरायल की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएगा। एक अक्टूबर को हुए ईरानी हमले के समय भी अमेरिकी सेना ने इजरायल को सक्रिय समर्थन प्रदान किया था। इजरायल के हमले के बाद, अमेरिका ने ईरान को चेतावनी देते हुए कहा है कि वह इजरायल पर हमला करने की गलती न करे; अन्यथा इसके गंभीर परिणाम होंगे। जानकारी के अनुसार, इजरायल के हमले से ईरान के सैन्य बेस को भारी क्षति पहुंची है। यह बेस बैलेस्टिक मिसाइलों के निर्माण के साथ-साथ ईरान के अंतरिक्ष कार्यक्रम का भी हिस्सा है।
ईरान को दी गई खुली चेतावनी
प्रेस सचिव मेजर जनरल पैट राइडर ने अपने बयान में कहा कि रक्षा सचिव लॉयड ऑस्टिन के आदेश से यह स्पष्ट होता है कि अमेरिका राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए संभावित खतरों का सामना करने के लिए त्वरित रूप से तैनाती करने में सक्षम है। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि अगर ईरान या उसके छद्म गुट अमेरिकी कर्मियों या उनके हितों पर हमला करते हैं, तो अमेरिका अपने लोगों की रक्षा के लिए हर आवश्यक कदम उठाएगा।
दूसरी बार B-52 विमान की तैनाती
मध्य पूर्व में अमेरिकी सेना की बढ़ती उपस्थिति का एक और संकेत यह है कि एक महीने के अंदर दूसरी बार B-52 बमवर्षक विमान की तैनाती की गई है। यह विमान परमाणु सक्षम है और हाल ही में इसे यमन में हूती विद्रोहियों के खिलाफ भी तैनात किया गया था। वर्तमान में लगभग 43,000 अमेरिकी सैनिक मध्य पूर्व में तैनात हैं, और इन बमवर्षक विमानों की तैनाती से क्षेत्र में अमेरिकी स्थिति और भी मजबूत हो जाएगी।