18वीं लोकसभा का पहला सत्र: विवादों और चुनौतियों के बीच होगा आरंभ

नई दिल्ली: 18वीं लोकसभा का पहला सत्र सोमवार से आरंभ हो रहा है, जिसमें अनेक मुद्दों पर विपक्षी दलों की नाखुशी स्पष्ट रूप से नजर आएगी। सत्र 3 जुलाई तक चलेगा, जिसमें सदस्यों की शपथ ग्रहण से लेकर विभिन्न महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा होगी। प्रोटेम स्पीकर के रूप में भर्तृहरि महताब को नियुक्त किया गया है, जिन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शपथ दिलाएंगी।

विपक्ष का विरोध

विपक्षी दलों ने प्रोटेम स्पीकर के पद पर सत्ता पक्ष के सदस्य की नियुक्ति का विरोध किया है। उनका कहना है कि सदन में और भी वरिष्ठ सदस्य थे जिन्हें नियमों के अनुसार यह जिम्मेदारी दी जानी चाहिए थी। इसके अतिरिक्त, विपक्षी दलों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर सत्ता पक्ष पर आक्रामक रुख अपनाने की योजना बनाई है।

लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव

इस सत्र में 26 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके अगले दिन, 27 जून को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करेंगी। इसके बाद, 28 जून से राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा की जाएगी, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दो या तीन जुलाई को चर्चा पर जवाब दे सकते हैं।

शपथ ग्रहण समारोह

सत्र की शुरुआत 18वीं लोकसभा के सदस्यों के शपथ ग्रहण से होगी। सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को प्रोटेम स्पीकर द्वारा शपथ दिलाई जाएगी। इसके बाद चेयर के सहयोगी सांसदों और अन्य मंत्रियों को शपथ दिलाई जाएगी। पहले दिन करीब 280 सदस्यों को शपथ दिलाई जाएगी, जबकि शेष सदस्यों को अगले दिन शपथ दिलाई जाएगी। शपथ का क्रम नाम के आधार पर होगा, अर्थात अ से शुरू होने वाले राज्यों के सांसदों को पहले शपथ दिलाई जाएगी।

सदन में बदलाव

18वीं लोकसभा में विपक्ष की संख्या 234 होगी, जिसमें से 99 सदस्य अकेले कांग्रेस के हैं। वहीं, सत्ता पक्ष की संख्या 293 होगी, जिसमें से 240 सदस्य भाजपा के होंगे। इस बार विपक्ष लोकसभा में काफी मजबूत स्थिति में दिखाई देगा, जो सत्ता पक्ष को चुनौती देने की पूरी कोशिश करेगा।

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