Saturday, August 2, 2025
Homeदेश17 हजार करोड़ के घोटाले में अनिल अंबानी पर ED का शिकंजा,...

17 हजार करोड़ के घोटाले में अनिल अंबानी पर ED का शिकंजा, 5 अगस्त को तलब, ED ने रिलायंस ग्रुप से जुड़ी 50 कंपनियों और 25 लोगों पर मारा था छापा, अनिल अंबानी पर लोन डायवर्जन का आरोप

नई दिल्ली: देश के प्रमुख उद्योगपतियों में शुमार और रिलायंस धीरूभाई अंबानी ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने बड़ी कार्रवाई की है। ईडी ने उनके खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (LOC) जारी करते हुए 5 अगस्त को दिल्ली स्थित मुख्यालय में पूछताछ के लिए पेश होने का नोटिस भेजा है।

ईडी की यह कार्रवाई 17 हजार करोड़ रुपये के कथित लोन घोटाले की जांच से जुड़ी है। हाल ही में अनिल अंबानी के मुंबई स्थित 35 ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। जांच के दायरे में रिलायंस ग्रुप से जुड़ी करीब 50 कंपनियां और 25 से अधिक लोग शामिल हैं। छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के अंतर्गत की गई।

जांच का मुख्य केंद्र यस बैंक द्वारा 2017 से 2019 के बीच दिए गए लगभग 3,000 करोड़ रुपये के लोन हैं, जिन्हें कथित तौर पर गलत तरीकों से डायवर्ट किया गया। ईडी के अनुसार, अनिल अंबानी समूह की कुछ कंपनियों ने इन फंड्स का इस्तेमाल दूसरी कंपनियों या व्यक्तिगत हितों के लिए किया। जांच में सामने आया है कि कुछ लोन बिना उचित जांच और क्रेडिट मूल्यांकन के पास किए गए थे, और कई बार लोन स्वीकृति की तारीखों में भी हेरफेर किया गया।

सूत्रों का कहना है कि कुछ मामलों में लोन की रकम उन कंपनियों में भेजी गई, जिनकी आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी या फिर वे शेल कंपनियां थीं। कई ऐसी कंपनियां पाई गई हैं जिनके पते और निदेशक एक जैसे थे, जिससे यह संदेह और गहरा हो गया कि लोन का मकसद ही कुछ और था।

इस कार्रवाई पर रिलायंस पावर और रिलायंस इंफ्रास्ट्रक्चर ने स्टॉक एक्सचेंज को दी गई जानकारी में कहा है कि ईडी की रेड की सूचना उन्हें है, लेकिन इससे उनके व्यापार, आर्थिक स्थिति या निवेशकों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जिन लेन-देन की बात मीडिया में हो रही है, वे रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (RCOM) और रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड (RHFL) से संबंधित हैं, जो एक दशक पुरानी घटनाएं हैं।

ईडी अनिल अंबानी समूह से जुड़े इस व्यापक वित्तीय हेराफेरी के मामले की बारीकी से जांच कर रही है, जिसमें रिश्वतखोरी, लोन डायवर्जन और फर्जीवाड़े जैसे कई गंभीर आरोप सामने आए हैं। यदि जांच में आरोप सिद्ध होते हैं, तो यह भारत की कॉरपोरेट दुनिया का एक बड़ा वित्तीय घोटाला साबित हो सकता है।

- Advertisement -
समाचार झुन्झुनू 24 के व्हाट्सअप चैनल से जुड़ने के लिए नीचे दिए गए बटन पर क्लिक करें
- Advertisemen's -

Advertisement's

spot_img
Slide
Slide
previous arrow
next arrow
Shadow
RELATED ARTICLES
- Advertisment -

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

- Advertisment -

Recent Comments

error: Content is protected !!