शंभू बॉर्डर, 11 अगस्त 2024: आज सुप्रीम कोर्ट में शंभू बॉर्डर को खोलने को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को आदेश दिया कि एक सप्ताह के भीतर शंभू बॉर्डर को आंशिक रूप से खोल दिया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा कि हाईवे पार्किंग की जगह नहीं हैं और इनका उपयोग जनजीवन की सुविधाओं के लिए होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि हरियाणा सरकार हाईवे की एक लेन को एंबुलेंस, स्कूल बसें, एमरजेंसी सेवाएं और स्थानीय लोगों के आने-जाने के लिए खोले। इस निर्णय से जनजीवन को आसान बनाने की उम्मीद है। कोर्ट ने साथ ही पंजाब और हरियाणा के डीजीपी, अम्बाला और पटियाला जिले के पुलिस प्रमुखों को एक सप्ताह के भीतर एक बैठक आयोजित करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने यह भी कहा कि मामले को लंबित रखा जाएगा और किसानों को ऐसा नहीं लगना चाहिए कि उन्हें अलग-थलग कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से बातचीत के लिए गठित किए जाने वाले पैनल की शर्तों पर संक्षिप्त आदेश पारित करने की बात भी की।
मध्यस्थता के लिए कमेटी के सदस्यों के नाम
हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर खोलने के संबंध में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस याचिका पर सुनवाई के दौरान, सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों द्वारा प्रस्तावित मध्यस्थता कमेटी के सदस्यों के नामों पर संतोष व्यक्त किया। यह कमेटी किसानों और केंद्र सरकार के बीच मध्यस्थता का कार्य करेगी।
अगली सुनवाई की तारीख और पूर्व की फटकार
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई 21 अगस्त को निर्धारित की है। इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा सरकार को बॉर्डर बंद रखने के मामले में फटकार लगाई थी। ज्ञात हो कि किसानों ने 2024 से फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को लेकर आंदोलन शुरू कर रखा है, जिसके कारण सुरक्षा के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने शंभू बॉर्डर को बंद कर दिया था।