लंदन में भारतीय नागरिकता छोड़ी, वनातु में झटका
नई दिल्ली: आईपीएल के पूर्व चेयरमैन ललित मोदी, जो प्रशांत महासागर में स्थित द्वीपीय देश वनातु में जाकर बसने का सपना देख रहे थे, उन्हें वहां की सरकार से बड़ा झटका लगा है। वनातु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग को ललित मोदी को जारी किया गया पासपोर्ट रद्द करने के निर्देश दिए हैं। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय मीडिया में आई खबरों और कानूनी पहलुओं की समीक्षा के बाद लिया गया है।
ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए दिया था आवेदन
हाल ही में ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग (Indian High Commission) में अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन दिया था। भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस बात की पुष्टि की कि ललित मोदी ने अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा,
“ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जाएगी। हमें यह भी बताया गया है कि उन्होंने वनातु की नागरिकता हासिल कर ली है। हम कानून के तहत उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ा रहे हैं।”
ललित मोदी साल 2010 में भारत छोड़कर लंदन में बस गए थे। उनके खिलाफ भारतीय एजेंसियां मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय अनियमितताओं के मामलों की जांच कर रही हैं।
भगोड़ों के लिए सुरक्षित ठिकाना है वनातु
वनातु को दुनिया के प्रमुख टैक्स हेवन देशों में गिना जाता है। यहां नागरिकता प्राप्त करने के लिए लगभग 1.3 करोड़ रुपये का निवेश करना पड़ता है। यदि कोई दंपति संयुक्त रूप से नागरिकता के लिए आवेदन करता है, तो निवेश राशि में बड़ी छूट दी जाती है। यही कारण है कि दुनिया के कई भगोड़े आर्थिक अपराधी इस देश की नागरिकता प्राप्त करने की कोशिश करते हैं।

वनातु के प्रधानमंत्री ने क्यों दिए पासपोर्ट रद्द करने के निर्देश?
वनातु के प्रधानमंत्री जोथम नापत ने नागरिकता आयोग को निर्देश दिया है कि ललित मोदी को जारी पासपोर्ट रद्द किया जाए। उन्होंने इस मामले पर बोलते हुए कहा:
“उनके आवेदन के दौरान इंटरपोल स्क्रीनिंग सहित सभी मानक पृष्ठभूमि जांचों में उनके खिलाफ कोई आपराधिक दोष सिद्ध नहीं हुआ था। हालांकि, मुझे पिछले 24 घंटों में पता चला है कि इंटरपोल ने दो बार भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर ललित मोदी के खिलाफ अलर्ट नोटिस जारी करने से इनकार कर दिया था, क्योंकि पर्याप्त न्यायिक साक्ष्य नहीं थे। यदि यह जानकारी पहले उपलब्ध होती, तो ललित मोदी की नागरिकता आवेदन प्रक्रिया स्वतः अस्वीकृत हो जाती।”
प्रधानमंत्री नापत ने आगे कहा:
“वनातु का पासपोर्ट रखना एक विशेषाधिकार है, न कि अधिकार। आवेदकों को वैध कारणों से ही नागरिकता दी जानी चाहिए।”