लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान मुस्लिम आरक्षण का मुद्दा छाया रहा। सातवें और आखिरी चरण का मतदान 1 जून को होने वाला है, ऐसे में देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की गरिमा कम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नफरत से भरे भाषणों ने पीएमओ की गरिमा को कम किया है।
डॉ. सिंह ने गुरुवार को पंजाब के मतदाताओं को तीन पन्नों की चिट्ठी लिखी जिसमें उन्होंने कहा, “मैं इस चुनाव अभियान के दौरान राजनीतिक चर्चाओं पर बारीकी से नजर रख रहा हूं। मोदी जी ने सबसे ज्यादा नफरत भरे भाषण दिए हैं, जो पूरी तरह से विभाजनकारी हैं।”
‘पहले कभी भी किसी पीएम ने इस पद की गरिमा को कम नहीं किया’
पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “मोदी जी सार्वजनिक संवाद की गरिमा को कम करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं और इस तरह प्रधानमंत्री पद की गरिमा को भी कम किया है। इससे पहले किसी भी प्रधानमंत्री ने समाज के किसी खास वर्ग या विपक्ष को निशाना बनाने के लिए इस तरह के घृणित, असंसदीय और असभ्य शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया है। उन्होंने मेरे नाम पर कुछ गलत बयान भी दिए हैं। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे से अलग नहीं किया है। यह पूरी तरह से बीजेपी का कॉपीराइट है।”
‘पंजाब और पंजाबियत को बदनाम किया’
डॉ. सिंह ने इस चिट्ठी में लिखा है कि पिछले 10 साल में, बीजेपी सरकार ने पंजाब और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। 750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक इंतजार करते हुए शहीद हो गए। जब लाठी और रबर की गोलियों से भी मन नहीं भरा तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद में हमारे किसानों को ‘आंदोलन जीवी’ और ‘परजीवी’ कहकर उनका अपमान किया। किसानों की सिर्फ यही मांग थी कि उनसे चर्चा किए बिना उन पर थोपे गए कृषि कानूनों को वापस लिया जाए।
चिट्ठी में उन्होंने लिखा है, “पंजाबी योद्धा हैं। हमें हमारी बलिदान भावना के लिए जाना जाता है। हमारा अदम्य साहस, और समावेशन तथा भाईचारे के लोकतांत्रिक मूल्यों में अटूट विश्वास हमारे महान राष्ट्र को सुरक्षित रख सकता है।”
कांग्रेस के घोषणा पत्र की तारीफ की
अपनी पार्टी की गारंटी के बारे में बात करते हुए पूर्व पीएम ने कहा, “कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में किसान न्याय के तहत पांच गारंटी हैं। इनमें एमएसपी की कानूनी गारंटी, कृषि के लिए स्थिर आयात-निर्यात नीति, ऋण माफी के लिए कृषि वित्त पोषण पर स्थाई आयोग का गठन, फसल को नुकसान की स्थिति में 30 दिन के भीतर किसान के खाते में मुआवजे की राशि का हस्तांतरण और कृषि कार्य में लगने वाले उत्पादों तथा उपकरणों पर जीएसटी हटाना शामिल है। मेरी राय में, इन उपायों से दूसरी पीढ़ी के कृषि सुधारों के लिए माहौल तैयार होगा।”
उन्होंने कहा, “पांच साल तक कांग्रेस पार्टी सत्ता में थी और केंद्र की बीजेपी सरकार लगातार पंजाब का फंड रोके बैठी थी। चाहे वह पूर्ववर्ती बीजेपी-अकाली सरकार से विरासत में मिले कर्ज के पुनर्गठन के लिए हो, या कृषि ऋण माफी के लिए, या मनरेगा का वेतन देने के लिए।”
सार्वजनिक संवाद की गरिमा का ह्रास
पूर्व प्रधानमंत्री ने पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि इस चुनाव के दौरान उनकी तरफ से सबसे निम्न स्तर के द्वेषपूर्ण भाषण देखने को मिले हैं।