Thursday, November 20, 2025
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मौत के मुंह से खींच लाई ‘देवदूत’ टीम! चूरू में 11000 वोल्ट करंट से झुलसे किशोर न्याय बोर्ड सदस्य को डॉक्टरों ने दिया ‘नया जीवन’

चूरू: शहर में उस वक्त हड़कंप मच गया जब नया बास निवासी और किशोर न्याय बोर्ड सदस्य ताराचंद सैनी एक मजदूर की मदद करते समय हाई-वोल्टेज 11 हजार लाइन के करंट की चपेट में आ गए। 45 वर्षीय ताराचंद सैनी की हालत अत्यंत गंभीर हो गई। उनका हार्ट काम करना बंद कर चुका था, ईसीजी स्ट्रेट लाइन थी, और ऑक्सीजन लेवल व ब्लड प्रेशर शून्य था। मगर, समय पर मिला सीपीआर और डीबी अस्पताल (DB Hospital) के डॉक्टरों की त्वरित कार्रवाई ने उन्हें मौत के मुंह से वापस खींच लिया। यह घटना राजस्थान स्वास्थ्य समाचार (Rajasthan Swasthya Samachar) में डॉक्टर-नर्सिंग टीम के बेहतरीन टीमवर्क का एक जीवंत उदाहरण बन गई है।

हाई-वोल्टेज हादसे का पूरा घटनाक्रम

भाजपा जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र सैनी ने बताया कि उनके भाई ताराचंद सैनी मोहल्ले में बालाजी मंदिर के एक कार्यक्रम में टेंट का काम कर रहे एक मजदूर की मदद कर रहे थे। इसी दौरान उन्हें 11 हजार वोल्ट करंट का ज़बरदस्त झटका लगा, जिससे वह गंभीर रूप से झुलस गए। मजदूर भी इस हादसे में झुलसा है। मौके पर मौजूद लोगों ने बिना देरी किए ताराचंद सैनी को निजी वाहन से डीबी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड (Emergency Ward) पहुंचाया।

अस्पताल में डॉ. पुकार ने संभाली कमान: सीपीआर से लौटे स्पंदन

अस्पताल पहुंचते ही हादसे की सूचना कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एमएम पुकार को दी गई, जो तुरंत अस्पताल पहुंचे। रोगी अचेत था और उसकी हालत नाजुक थी। डॉ. पुकार ने बिना समय गंवाए टीम के साथ मोर्चा संभाला। उन्होंने खुद सीपीआर (CPR) दिया और दो बार डीसी शॉक (DC Shock) दिया गया। बिगड़ती हालत को देखते हुए, डॉ. पुकार ने एंसथेसिया डॉक्टर के आने का इंतजार किए बिना ही रोगी को एंटिव्यूट (Intubate) किया। इस त्वरित और साहसी कार्रवाई के बाद ही रोगी के हार्ट ने काम करना शुरू किया। इसके बाद, ताराचंद सैनी को तुरंत मेडिसिन आईसीयू में शिफ्ट कर वेंटिलेटर (Ventilator) पर लिया गया। टीम की लगातार मॉनिटरिंग का परिणाम रहा कि गुरुवार को उनकी स्थिति में काफी सुधार आया और उन्हें वेंटिलेटर से हटाकर नॉर्मल ऑक्सीजन पर शिफ्ट कर दिया गया।

कमांडो और एसआई का त्वरित सीपीआर बना ‘संजीवन बूटी’

डॉ. पुकार ने बताया कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौके पर मौजूद कमांडो सुरेंद्र कस्बा और एसआई रामजीलाल ने ताराचंद सैनी को तुरंत सीपीआर दिया। डॉ. पुकार ने इस सीपीआर को ‘संजीवन बूटी’ बताते हुए कहा कि इसकी वजह से ही उन्हें पांच मिनट के भीतर इमरजेंसी वार्ड तक सही सलामत पहुंचाया जा सका। लाइफ सेविंग सीपीआर (Life Saving CPR) का महत्व इस घटना से साफ ज़ाहिर होता है। भाजपा जिला उपाध्यक्ष नरेंद्र सैनी ने भी डॉ. पुकार के नेतृत्व में काम करने वाली अस्पताल टीम और इमरजेंसी वार्ड स्टाफ का आभार जताया।

टीमवर्क की सराहना और ट्रेनिंग का आह्वान

डॉ. पुकार ने इस सफल इलाज के लिए टीम के सदस्यों की प्रशंसा की। उन्होंने अस्पताल अधीक्षक डॉ. दीपक चौधरी, अतिरिक्त प्रधानाचार्य डॉ. रमाकांत वर्मा, डॉ. मनोज फोगावट, डॉ. सरोज, डॉ. जेनूअल, डॉ. युवराज, नर्सिंग ऑफिसर मुकेश कांटीवाल, और नरेंद्र दाधीच के टीमवर्क को सराहा। डॉ. पुकार ने सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता (Public Health Awareness) बढ़ाते हुए यह भी कहा कि आपात स्थिति में सीपीआर से जान बचाई जा सकती है। उन्होंने आह्वान किया कि कोई भी संस्थान या जनसेवक सीपीआर का प्रशिक्षण लेना चाहे तो वे कॉलेज प्रिंसिपल डॉ. एमएम पुकार से संपर्क कर सकता है।

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