नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने अपने तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिन पूरे कर लिए हैं। इस अवधि में सरकार ने बुनियादी ढांचे के विकास पर जोर देते हुए 3 लाख करोड़ रुपये की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं का उद्देश्य देश की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाना, आर्थिक विकास को गति देना और रोजगार के नए अवसर पैदा करना है।
वधावन बंदरगाह परियोजना: सबसे बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट
महाराष्ट्र के वधावन में बनने वाला बंदरगाह इन 100 दिनों में मंजूर की गई सबसे बड़ी परियोजना है। इस बंदरगाह के निर्माण के लिए 76,200 करोड़ रुपये की लागत का प्रावधान किया गया है। यह परियोजना भारत के व्यापार को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगी, जिससे आयात और निर्यात की प्रक्रिया में तेजी आएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बंदरगाह के निर्माण से भारत के समुद्री व्यापार को बढ़ावा मिलेगा और इसे दुनिया के शीर्ष 10 बंदरगाहों में शामिल किया जा सकेगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना का चौथा चरण: ग्रामीण कनेक्टिविटी को मजबूती
मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण के लिए 49,000 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है। इस योजना के तहत देश के ग्रामीण क्षेत्रों में 62,500 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना करीब 25,000 गांवों को जोड़ने का काम करेगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में यातायात और व्यापार की सुविधाओं में सुधार आएगा।
हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर: देश के लिए नई शुरुआत
सरकार ने आठ नेशनल हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर की परियोजनाओं को भी हरी झंडी दी है। इनकी कुल लंबाई 936 किलोमीटर होगी और इन पर 50,600 करोड़ रुपये की लागत आएगी। इन हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर से शहरों के बीच यात्रा का समय कम होगा, जिससे माल-ढुलाई और यात्री परिवहन में भी सुधार होगा। इससे न केवल व्यापार में तेजी आएगी, बल्कि लोगों के जीवन स्तर में भी सुधार होगा।
हवाई अड्डों और रेलवे का विस्तार: कनेक्टिविटी में सुधार
प्रधानमंत्री मोदी की सरकार ने कई हवाई अड्डों के विकास की परियोजनाएं भी मंजूर की हैं। इनमें वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे का विस्तार, पश्चिम बंगाल के बागडोगर और बिहार के बिहटा में नए सिविल एन्क्लेव का विकास शामिल हैं। इसके साथ ही आठ नई रेल लाइन परियोजनाओं और हिमाचल प्रदेश व लद्दाख को जोड़ने वाली शिनखुन ला सुरंग का निर्माण भी प्रस्तावित है। इन परियोजनाओं से पहाड़ी और दूरदराज के इलाकों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा और पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
तीसरे कार्यकाल में इंफ्रास्ट्रक्चर पर निरंतर फोकस
मोदी सरकार के पिछले दोनों कार्यकालों में भी इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास पर जोर दिया गया था। तीसरे कार्यकाल के पहले 100 दिनों में मंजूर की गई परियोजनाएं इस बात की पुष्टि करती हैं कि सरकार बुनियादी संरचना के विकास को प्राथमिकता देती रहेगी। इन परियोजनाओं का मुख्य उद्देश्य आर्थिक गतिविधियों को सुचारू रूप से चलाना, रोजगार के नए अवसर उत्पन्न करना और देश की कनेक्टिविटी में व्यापक सुधार करना है।
देश को कैसे फायदा होगा?
वधावन बंदरगाह परियोजना से भारत का समुद्री व्यापार तेज होगा और आयात-निर्यात की प्रक्रिया में तेजी आएगी। इसके साथ ही ग्रामीण सड़कों के निर्माण से लाखों ग्रामीणों को आवागमन की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। हाई-स्पीड रोड कॉरिडोर के निर्माण से शहरों के बीच की दूरी घटेगी और यातायात की गति बढ़ेगी। वहीं, शिनखुन ला सुरंग के निर्माण से लद्दाख को सालभर कनेक्टिविटी का फायदा मिलेगा, जिससे पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा मिलेगा।