प्रयागराज, उत्तर प्रदेश: महाकुंभ, जो इस वर्ष अपनी दिव्यता और भव्यता से चर्चित है, में अब तक 55 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके हैं। इस धार्मिक आयोजन की आस्था और श्रद्धा को केंद्रित करते हुए, कुछ विकृत मानसिकता वाले लोग महाकुंभ की छवि को धूमिल करने की नापाक कोशिश कर रहे हैं। इनमें से कुछ लोग महिला स्नानार्थियों की निजी वीडियो और फोटो इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर रहे हैं, जो महिलाओं की गरिमा और निजता का घोर उल्लंघन है।
महाकुंभ पुलिस ने ऐसे आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई को तेज करते हुए साइबर टीम को सक्रिय कर दिया है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, महिलाओं के स्नान और कपड़े बदलते समय की अशोभनीय वीडियो बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट की जा रही थीं। इन वीडियो के संबंध में विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म जैसे इंस्टाग्राम, फेसबुक और यूट्यूब पर फैलाए गए फर्जी कंटेंट की जांच जारी है।
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पुलिस की सख्त कार्रवाई
महाकुंभ पुलिस ने इन आरोपियों के खिलाफ शिकायती कार्रवाई शुरू की है। साइबर टीम ने इंटरनेट मीडिया पर पेट्रोलिंग करते हुए पाया कि कुछ लोग महिला स्नानार्थियों के वीडियो को शेयर कर रहे थे, और कुछ ने इन वीडियो को बेचने का दावा भी किया था। इस संदर्भ में पुलिस ने इंस्टाग्राम अकाउंट @neha1224872024 के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। इस अकाउंट के माध्यम से महिलाओं की निजता का उल्लंघन कर अशोभनीय वीडियो पोस्ट किए गए थे।
साथ ही, टेलीग्राम चैनल “cctv CHANNEL” के खिलाफ भी महाकुंभ कोतवाली थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है। इस चैनल पर महिला श्रद्धालुओं के आपत्तिजनक वीडियो बेचने का दावा किया जा रहा था। पुलिस ने मेटा कंपनी से मदद मांगी है ताकि इन अपराधियों की पहचान की जा सके और जल्द ही इनकी गिरफ्तारी सुनिश्चित की जा सके।
महिलाओं की निजता का उल्लंघन
महाकुंभ के प्रशासन ने इस कृत्य को महिलाओं की निजता और गरिमा का उल्लंघन करार दिया है। पुलिस का कहना है कि ऐसे अपराधियों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो सके।
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साइबर पेट्रोलिंग और गिरफ्तारी की प्रक्रिया
पुलिस की साइबर टीम इस समय सोशल मीडिया पर सक्रिय रूप से पेट्रोलिंग कर रही है। पुलिस ने मेटा, यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया कंपनियों से जानकारी मांगी है, ताकि आरोपितों की वास्तविक पहचान की जा सके। इसके अतिरिक्त, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 100 से अधिक इंटरनेट यूजर्स के खिलाफ अब तक मुकदमा पंजीकृत किया जा चुका है।
साइबर टीम की सक्रियता से यह भी पता चला कि कुछ आरोपियों ने यूट्यूब, फेसबुक और एक्स जैसी सोशल मीडिया साइट्स पर महाकुंभ से संबंधित घटनाओं को फर्जी वीडियो के माध्यम से साझा किया, ताकि महाकुंभ की छवि को खराब किया जा सके। अब पुलिस इन अपराधियों की पहचान कर उनकी गिरफ्तारी की प्रक्रिया तेज करने की योजना बना रही है।