नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने बुधवार को ब्रसेल्स में आयोजित ‘जर्मन मार्शल फंड ब्रुसेल्स फोरम 2025’ में भाग लेते हुए भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) के बीच मजबूत होते रणनीतिक और व्यापारिक रिश्तों को नई दिशा देने का संकेत दिया। उन्होंने कहा कि भारत-ईयू संबंध आज एक निर्णायक मोड़ पर हैं और दोनों पक्ष फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को वर्ष के अंत तक अंतिम रूप देने की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रहे हैं।
भारत-ईयू रिश्तों को मिली “उच्च प्राथमिकता”
अपने संबोधन में जयशंकर ने दो टूक कहा कि भारत, यूरोपीय संघ के साथ अपने रिश्तों को “बहुत उच्च प्राथमिकता” देता है। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि बीते एक दशक में भारत ने यूरोप को लेकर अपने दृष्टिकोण में गहराई और स्थिरता लाई है। अब यह संबंध केवल व्यापारिक या तकनीकी नहीं, बल्कि सांस्कृतिक, सुरक्षा और वैश्विक मुद्दों पर सहयोग तक विस्तारित हो गया है।

एफटीए की दिशा में तेज़ी, साल के अंत तक समझौते की उम्मीद
जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत-ईयू के बीच फ्री ट्रेड एग्रीमेंट वार्ता में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। उन्होंने कहा:
“हमारे संबंधों को गहराई देने का केंद्र बिंदु एफटीए है। फरवरी में ‘कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स’ की भारत यात्रा के बाद से इस दिशा में तेज़ गति से काम हुआ है। अब इस समझौते को अंतिम रूप देना संभव लगता है।”
एफटीए से दोनों पक्षों के बीच व्यापार, निवेश, डिजिटल ट्रांजैक्शन और औद्योगिक सहयोग को अभूतपूर्व बढ़ावा मिलेगा।
अमेरिका-ईयू व्यापार तनाव पर भारत की संतुलित नीति
जयशंकर ने अमेरिका और ईयू के बीच व्यापारिक तनाव पर भारत की संतुलित स्थिति को दोहराया। उन्होंने कहा:
“भारत दोनों देशों के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। हमारा उद्देश्य ऐसे रिश्ते बनाना है जो परस्पर लाभकारी और संतुलित हों।”
उन्होंने यह भी कहा कि यूरोप की अपनी विशिष्ट सोच और दृष्टिकोण हैं जो कई बार अमेरिका से मेल नहीं खाते — लेकिन यह वैश्विक राजनीति की वास्तविकता है।
रूस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की पुरानी स्थिति दोहराई
जयशंकर ने मंच से रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की पारंपरिक नीति को दोहराया। उन्होंने कहा:
“भारत का मानना है कि कोई भी विवाद युद्ध के ज़रिए नहीं सुलझाया जा सकता। समाधान केवल संवाद और कूटनीति से ही निकलता है।”
उन्होंने कहा कि हालांकि 2022 में यह विचार व्यापक समर्थन नहीं पा सका, आज विश्व समुदाय इस सोच को और गंभीरता से ले रहा है।

शिक्षा, प्रतिभा और आवाजाही पर सकारात्मक चर्चा
जयशंकर ने बताया कि यूरोपीय अधिकारियों के साथ शिक्षा, कुशल मानव संसाधन, और छात्रों की आवाजाही जैसे विषयों पर भी सकारात्मक बातचीत हुई। इससे आने वाले वर्षों में छात्रों, शोधकर्ताओं और प्रोफेशनल्स के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी।
ईयू के वरिष्ठ अधिकारियों से हुई रणनीतिक बैठकें
विदेश मंत्री जयशंकर ने अपने ब्रसेल्स दौरे के दौरान यूरोपीय आयोग, यूरोपीय संसद और विदेश नीति से जुड़े उच्चाधिकारियों से मुलाकात की। इन बैठकों में प्रौद्योगिकी, हरित ऊर्जा, सुरक्षा, साइबर सहयोग, रक्षा उत्पादन और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी पर ठोस प्रगति हुई।