न्यूयॉर्क, 11 मई 2024: संयुक्त राष्ट्र महासभा में शुक्रवार को फिलिस्तीन को संयुक्त राष्ट्र का पूर्ण सदस्य बनाने का प्रस्ताव पास हो गया। इस ऐतिहासिक मतदान में भारत समेत 143 देशों ने प्रस्ताव का समर्थन किया, जबकि अमेरिका, इजराइल समेत 9 देशों ने इसका विरोध किया।
यह प्रस्ताव फिलिस्तीन के लिए एक बड़ी जीत है, जो दशकों से संयुक्त राष्ट्र में पूर्ण सदस्यता हासिल करने के लिए संघर्ष कर रहा है। हालांकि, प्रस्ताव को अभी भी सुरक्षा परिषद से मंजूरी मिलनी बाकी है, जहां अमेरिका वीटो का इस्तेमाल कर इसे रोक सकता है।
इजराइली राजदूत का गुस्सा
इस प्रस्ताव के पास होने से इजराइल भड़क गया। इजराइली राजदूत गिलाद एर्दान ने अपनी स्पीच के दौरान गुस्से में संयुक्त राष्ट्र चार्टर को फाड़ दिया। उन्होंने कहा कि वे चार्टर को फाड़कर संयुक्त राष्ट्र को आइना दिखा रहे हैं।
उन्होंने इस प्रस्ताव को UN चार्टर का उल्लंघन बताया और कहा कि “यह दिन UN की बदनामी के दिन के तौर पर याद किया जाएगा।” उन्होंने यह भी कहा कि “UN ने मॉडर्न नाज़ियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए हैं।”
क्या फिलिस्तीन अब स्थायी सदस्य बन पाएगा?
हालांकि, UN महासभा फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्यता नहीं दे सकती। अभी भी उसे स्थायी सदस्यता के लिए सुरक्षा परिषद से मंजूरी लेनी होगी।
विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका अपनी वीटो शक्ति का इस्तेमाल करके फिलिस्तीन को स्थायी सदस्य बनने से रोक देगा।
यह फिलिस्तीन के लिए क्या मायने रखता है?
फिर भी, यह फिलिस्तीन के लिए एक बड़ी जीत है। 1947 में UN ने फिलिस्तीन को दो भागों में बांटकर यहूदी और अरब राष्ट्र बनाने का फैसला दिया था। लेकिन, अरब देशों ने इस फैसले को मानने से इनकार कर दिया था।
इसके बाद से फिलिस्तीन संघर्षरत रहा है।