पिलानी, 8 अगस्त 2024: बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के चलते मेघ अब प्रदेश के शेखावाटी क्षेत्र पर भी मेहरबान हैं। रुक-रुक कर हो रही हल्की बारिश के बाद गर्मी का ताप अब शांत हुआ है और लोगों के घरों में एसी/कूलर भी बंद हो गए हैं।
मौसम विज्ञान केन्द्र के अनुसार बीते 24 घंटों की बात की जाए तो पिलानी में इस दौरान 82.1 एमएम (3.23 इंच/लगभग 4 अंगुल) बारिश रिकॉर्ड की गई है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान भी अब लगभग बराबर ही है। पिलानी में आज सुबह 10 बजे अधिकतम तापमान 26 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया है। मौसम विभाग द्वारा अगले कुछ दिन बारिश का दौर जारी रहने की जानकारी दी गई है।
डुलानिया जीएसएस में घुसा 3 फीट पानी
डुलानिया में अजमेर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के ग्रिड सब स्टेशन (जीएसएस) में बारिश का पानी घुस गया है। जीएसएस गांव के बाहर निचाई में बना हुआ है और बारिश में गांव का सारा पानी जीएसएस में घुस जाता है। रात को हुई बारिश के बाद सुबह 4:30 बजे बारिश का पानी जीएसएस के कंट्रोल रूम तक पहुंच गया।
जीएसएस में लगभग 3 फीट तक बारिश का पानी घुस आया। ट्रांसफार्मर तक पानी पहुंचता देख खतरे को भांपते हुए स्टाफ ने जेईएन को फोन कर लाइन डिस्कनेक्ट करवाई। सुबह से ही डुलानिया गांव और आस-पास के ग्रामीण इलाके में विद्युत आपूर्ति बाधित है, जिसके शाम तक ही सुचारू हो पाने की संभावना है।
फसल के लिए अमृत है ये बारिश
पिलानी के कृषक दिलीप सिंह खीचड़ ने बताया कि लम्बे इंतजार के बाद आसमान से फसलों के लिए अमृत बरस रहा है। उन्होंने बताया कि किसानों ने अपने खेतों में फसलों की निराई-गुड़ाई (निनाण) कर ली है। खेतों में ग्वार, बाजरा, मूंग, मोठ, चवला की फसलें खड़ी हैं जिनके लिए इस बारिश का होना बहुत जरूरी है। दिलीप सिंह खीचड़ ने बताया कि बारिश के बाद अगले 10 दिन में बाजारों में टिंडा, मतीरी और काचरी जैसी सब्जियों की आवक होगी, उसके बाद आसमान छू रहे सब्जियों के दाम भी जमीन पर उतरेंगे। आपको बता दें कि खुदरा सब्जी मंडियों में सबसे कम पसन्द की जाने वाली सब्जी टिंडे भी इस बार 100 रुपए प्रति किग्रा के भाव बिक रहे हैं।
बारिश से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ी हैं
पिलानी कस्बे की निचले इलाकों की बस्तियों और मोहल्लों में बारिश के पानी से लोगों की मुश्किलें भी बढ़ी हैं। यहां ढेढाणी, राजपुरा, चांडक मार्ग, पाडिया स्कूल के पास, बड़ चौक, लोहारू रोड़ सहित कई अन्य इलाकों में सड़कों/गलियों में जमा पानी से लोगों को आवागमन में असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। सुबह स्कूल जाने वाले बच्चे और टीचर्स को भी काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा।