चुरू, राजस्थान: पाकिस्तान की मेहविश (33) और चूरू के रहमान (35) ने प्यार की अनोखी कहानी लिखी है। दोनों की मुलाकात सोशल मीडिया पर हुई और प्यार का सफर सऊदी अरब के मक्का में निकाह तक पहुंचा। मेहविश 45 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर भारत आई हैं और शनिवार को वाघा बॉर्डर से ससुराल लेकर आई गईं।
मेहविश और रहमान प्रेम कहानी की शुरुआत
चूरू के रतननगर के पिथिसर गांव के दो बच्चों के पिता रहमान (35) और पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली मेहविश (33) ने एक अनोखी प्रेम कहानी को हकीकत में बदल दिया। दोनों की यह दूसरी शादी है और पहले से ही उनके दो-दो बच्चे हैं।
मेहविश का पारिवारिक पृष्ठभूमि
मेहविश ने बताया कि जब वह दो साल की थीं, तो उनकी मां का निधन हो गया था और 15 साल पहले उनके पिता जुल्फीकार का भी निधन हो गया था। वह पिछले 10 साल से ब्यूटी पार्लर चला रही हैं और इस्लामाबाद में अपनी बहन के पास रहती हैं। पहले पति से उनके दो बेटे हैं, जिनकी उम्र 12 और 7 साल है। पहले पति से तलाक के बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर रहमान से दोस्ती की।
रहमान की पारिवारिक पृष्ठभूमि
रहमान की पहली शादी 2011 में भादरा की फरीदा से हुई थी, जिनसे उनके दो बच्चे हैं। लेकिन, आपसी अनबन के चलते फरीदा फिलहाल अपने पीहर भादरा में रह रही हैं। 2023 में रहमान के परिवार को उनकी दूसरी शादी का पता चला, जब उन्होंने सोशल मीडिया पर मेहविश के साथ निकाह के बाद की तस्वीरें साझा कीं।
प्यार का सफर
मेहविश और रहमान की मुलाकात 2020 में सोशल मीडिया पर हुई। 2023 में मेहविश उमराह करने गईं, जहां रहमान भी पहुंचे और दोनों ने मक्का में निकाह कर लिया। रहमान कुवैत में ट्रांसपोर्ट का व्यवसाय करते हैं।
भारत आगमन
मेहविश ने बताया कि वह इस्लामाबाद से 25 जुलाई की शाम 7 बजे अपने परिवार के साथ रवाना हुई थीं। परिवार के लोग उन्हें वाघा बॉर्डर पर छोड़ गए। पाकिस्तान और भारतीय सेना ने उनके डॉक्युमेंट की जांच की। मेहविश 45 दिनों के टूरिस्ट वीजा पर भारत आईं। सरहद पर खड़े ससुराल के लोग उन्हें निजी वाहन से गांव पिथिसर ले आए।
मास्क उतार कर चेहरा दिखाया
ससुराल के लोग मेहविश को रतननगर थाना लेकर आए। थानाधिकारी जयप्रकाश ने मेहविश से पूछताछ की और उनके पासपोर्ट, वीजा की जांच की। पासपोर्ट में लगी फोटो देखकर थानाधिकारी ने संदेह व्यक्त किया, जिस पर मेहविश ने अपना मास्क उतार कर चेहरा दिखाया और कहा कि पाकिस्तान की सरकार झूठ नहीं बोलती।