प्रयागराज, 01 जुलाई 2024: इलाहाबाद(प्रयागराज) हाई कोर्ट ने धर्मांतरण की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता जताते हुए इसे रोकने के लिए सख्त निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने कहा है कि यदि धार्मिक सभाओं में धर्मांतरण की प्रवृत्ति जारी रही तो एक दिन भारत की बहुसंख्यक आबादी अल्पसंख्यक हो जाएगी।
धार्मिक स्वतंत्रता का दुरुपयोग
हाई कोर्ट ने कहा कि धर्म परिवर्तन कराने वाली धार्मिक सभाएं संविधान के अनुच्छेद 25 द्वारा प्रदत्त धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार का दुरुपयोग कर रही हैं। अनुच्छेद 25 किसी को भी धर्म मानने, पूजा करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता देता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि किसी को जबरदस्ती धर्म परिवर्तन कराया जा सकता है।
उत्तर प्रदेश में धर्मांतरण
कोर्ट ने जानकारी दी है कि उत्तर प्रदेश में धार्मिक आयोजनों के जरिए भोले-भाले गरीब लोगों को गुमराह कर उन्हें ईसाई बनाया जा रहा है। ऐसे आयोजनों पर तत्काल रोक लगाई जानी चाहिए।
जमानत याचिका खारिज
इसी क्रम में, हाई कोर्ट ने धर्म परिवर्तन के आरोपी कैलाश की जमानत याचिका खारिज कर दी है। कैलाश पर आरोप है कि वह लोगों को दिल्ली में धार्मिक समारोहों में ले गया और उनमें से अधिकांश को ईसाई बना दिया।