नई दिल्ली: दिल्ली में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले राजनीतिक गतिविधियां तेज हो गई हैं। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने बड़ा कदम उठाते हुए 2020 के दिल्ली दंगों के आरोपी और पूर्व MCD पार्षद ताहिर हुसैन को मुस्तफाबाद विधानसभा सीट से उम्मीदवार घोषित किया है।
ताहिर हुसैन का AIMIM में शामिल होना
असदुद्दीन ओवैसी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ताहिर हुसैन के AIMIM में शामिल होने की जानकारी दी। उन्होंने लिखा, “MCD पार्षद ताहिर हुसैन AIMIM में शामिल हो गए हैं। आगामी दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से हमारे उम्मीदवार होंगे। उनके परिवार और समर्थकों ने आज मुझसे मुलाकात की और पार्टी में शामिल होने का निर्णय लिया।”
ताहिर हुसैन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) के सदस्य थे और मुस्तफाबाद से पार्षद रह चुके हैं। AIMIM द्वारा उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने पर राजनीतिक गलियारों में चर्चा का दौर तेज हो गया है।
ताहिर हुसैन पर लगे आरोप और कानूनी स्थिति
ताहिर हुसैन 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुए सांप्रदायिक दंगों के कई मामलों में आरोपी हैं। हालांकि, दिल्ली की एक अदालत ने मई 2024 में दंगों के एक मामले में उन्हें जमानत दे दी थी। अदालत ने कहा कि उनकी भूमिका “दूरस्थ प्रकृति” की थी और वह पहले ही तीन साल से अधिक समय हिरासत में बिता चुके हैं।
हालांकि, ताहिर हुसैन अभी भी जेल में हैं क्योंकि उन पर अन्य दंगों के मामलों में भी आरोप हैं, जिनमें सांप्रदायिक हिंसा की साजिश और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।
जमानत के शर्तें और अदालत का निर्णय
अदालत ने ताहिर हुसैन को 25,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत राशि पर रिहा करने का आदेश दिया। शर्तों के तहत वह देश नहीं छोड़ सकते। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि वह दंगाई भीड़ का हिस्सा नहीं थे, लेकिन उनकी कथित भूमिका भड़काने और साजिश रचने की थी।
मुस्तफाबाद सीट पर AIMIM की रणनीति
मुस्तफाबाद विधानसभा सीट मुस्लिम बहुल क्षेत्र है, जहां AIMIM ने ताहिर हुसैन को उम्मीदवार बनाकर रणनीतिक कदम उठाया है। यह फैसला पार्टी को मुस्लिम मतदाताओं के बीच मजबूती दिला सकता है, हालांकि ताहिर हुसैन के खिलाफ लगे गंभीर आरोप इस निर्णय पर सवाल खड़े कर सकते हैं।