झुंझुनूं, 2 मार्च 2025: राजस्थान के झुंझुनूं जिला जेल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। जेल में बंद एक कुख्यात बदमाश का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसमें वह जेल के मुलाकात खाने में अपने परिचितों से बेफिक्री से बातचीत करता नजर आ रहा है। यह वीडियो जिले के एक क्षेत्रीय गैंग की इंस्टाग्राम आईडी पर अपलोड किया गया, जिसके बाद यह तेजी से वायरल हो गया। सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि जेल के मुलाकात खाने में मोबाइल फोन का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित है, फिर भी यह वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाला गया। इस घटना ने जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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ऑनर किलिंग के आरोपी का वीडियो
वायरल वीडियो में दिखाई देने वाला कैदी एक ऑनर किलिंग मामले में जेल में बंद है। यह आरोपी झुंझुनूं जिले के एक कुख्यात क्षेत्रीय गैंग का सक्रिय सदस्य है, जिसका नाम पहले भी कई संगीन अपराधों जैसे हत्या, रंगदारी, और फिरौती की मांग में सामने आ चुका है। वीडियो में कैदी पूरी सहजता से बातचीत करता दिख रहा है, जो जेल के अंदर सुरक्षा नियमों के उल्लंघन का स्पष्ट प्रमाण है। इस घटना ने जेल प्रशासन की लापरवाही को उजागर किया है, जहां कड़े सुरक्षा इंतजामों के दावों के बावजूद कैदी तक मोबाइल फोन पहुंच गया।
गैंग का बढ़ता प्रभाव: व्यापारी को धमकी और फायरिंग
झुंझुनूं जिले में इस क्षेत्रीय गैंग का प्रभाव पिछले कुछ समय से लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में इस गैंग ने चिड़ावा क्षेत्र के एक बड़े पेड़ा व्यापारी से एक करोड़ रुपये की फिरौती मांगी थी। जब व्यापारी ने फिरौती देने से इनकार किया, तो गैंग के सदस्यों ने उसकी दुकान पर फायरिंग कर दहशत फैलाने की कोशिश की। इस घटना के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। हालांकि, जेल में बंद होने के बावजूद गैंग का नेटवर्क सक्रिय बना हुआ है, और यह वायरल वीडियो इसका जीता-जागता सबूत है।
जेल प्रशासन की लापरवाही पर सवाल
जेल के मुलाकात खाने तक मोबाइल फोन का पहुंचना और फिर उसका उपयोग कर वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करना जेल प्रशासन की गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। जेल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होने के दावे अब खोखले साबित हो रहे हैं। इस घटना के बाद जेल प्रशासन पर सवालों की झड़ी लग गई है। आखिर कैसे एक प्रतिबंधित क्षेत्र में मोबाइल फोन पहुंचा? क्या जेल कर्मचारियों की मिलीभगत से यह संभव हुआ? इन सवालों के जवाब अब जांच के दायरे में हैं।
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जेल उप अधीक्षक प्रमोद कुमार ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “वीडियो कब का है, यह अभी स्पष्ट नहीं है। जेल में कैदियों से मिलने आने वाली महिलाओं की सही तरीके से तलाशी नहीं हो पा रही है, क्योंकि हमारे पास महिला कांस्टेबल की कमी है। आरएसी (राजस्थान सशस्त्र कांस्टेबुलरी) के पास भी महिला कांस्टेबल उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में यह संभव है कि किसी महिला ने मुलाकात खाने में मोबाइल या डिवाइस ले जाकर वीडियो बनाया हो।” उन्होंने आगे कहा, “हम इसकी जांच कर रहे हैं, और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। भविष्य में हमारे पास उपलब्ध कांस्टेबलों के जरिए महिलाओं की सही तलाशी करवाई जाएगी।”