झुंझुनूं, 31 मई- झुंझुनूं के धनखड़ हॉस्पिटल के संचालक डॉ. संजय धनखड़ के खिलाफ एक महिला मरीज की गलत किडनी निकालने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। यह कदम जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल के निर्देशानुसार गठित की गई जांच टीम की रिपोर्ट के आधार पर उठाया गया है।
मामले की जांच के बाद एफआईआर
जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने इस प्रकरण की गहनता से जांच करने के लिए सीएमएचओ डॉ. राजकुमार डांगी के नेतृत्व में पांच सदस्यों की एक कमेटी बनाई थी। कमेटी की जांच में डॉ. संजय धनखड़ को दोषी पाया गया। जांच के बाद सीएमएचओ की रिपोर्ट पर कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। कोतवाल पवन चौबे ने बताया कि मामले में एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश जारी है।
रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की सिफारिश की
जिला कलेक्टर चिन्मयी गोपाल ने चिकित्सा विभाग को पत्र लिखकर डॉ. संजय धनखड़ का राजस्थान मेडिकल काउंसिल से रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की सिफारिश की है। इसके साथ ही चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने मामले में कार्रवाई करते हुए अस्पताल के रजिस्ट्रेशन को रद्द कर दिया है।
क्या है पूरा मामला?
मामले के अनुसार, झुंझुनूं के नूंआ गांव की रहने वाली ईद बानो की धनखड़ अस्पताल में 15 मई को सर्जरी की गई थी। डॉक्टर ने ऑपरेशन के दौरान संक्रमित किडनी की जगह सही किडनी निकाल दी थी। 17 मई को मरीज के पेशाब में मवाद आने लगा और दर्द बढ़ गया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछताछ की तो डॉक्टर ने उन्हें जयपुर जाने की सलाह दी और चेताया कि एसएमएस अस्पताल में सर्जरी के बारे में कुछ न बताएं।
21 मई को परिजनों ने मरीज को जयपुर में भर्ती कराया, जहां जांच में पता चला कि बाईं ओर की किडनी निकाली गई है, जबकि संक्रमण दाईं ओर की किडनी में था। इसके बाद महिला को छुट्टी दे दी गई थी। 30 मई को प्रशासन ने महिला को दोबारा जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती कराया, जहां अब उसका इलाज चल रहा है।
घटना के बाद अस्पताल सीज
इस घटना के बाद जिला प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए धनखड़ हॉस्पिटल को सीज कर दिया है। यह कदम भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने और चिकित्सा क्षेत्र में उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
यह मामला चिकित्सा क्षेत्र में लापरवाही और असंवेदनशीलता का गंभीर उदाहरण है और इस पर कठोर कार्रवाई की जा रही है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।