यमुना नहर की मांग को लेकर चुनाव बहिष्कार पर अड़े ग्रामीणों के साथ प्रशासन की तीसरे दौर की वार्ता भी आज विफल हो गई है। तहसीलदार कमलदीप पूनिया की अगुवाई में जलदाय विभाग झुंझुनू एसई शरद के. माथुर, एक्सईएन पीएचईडी मदन लाल मीणा, एक्सईएन सिंचाई विभाग महेश बुरड़क, अधिशाषी अभियंता वाटर सेंटर सुभाष चंद्र, सहायक विकास अधिकारी सुखदेव और विनोद आदि प्रशासनिक अधिकारियों का एक दल हमीनपुर गाडोली में ग्रामीणों से वार्ता के लिए पहुंचा।
हमीनपुर गाडोली के आईटी सेंटर में आधी-अधूरी तैयारी के साथ पहुंचे अधिकारी वार्ता के दौरान ग्रामीणों के सवालों का जवाब तक नहीं दे पाए। लम्बी चर्चा के बाद ग्रामीण जल संकट का स्थाई और पूर्ण समाधान नहीं होने तक चुनाव बहिष्कार के अपने निर्णय पर ही कायम रहे।
गांव के हनुमान सिंह ने अधिकारियों से पूछा की सर्वे कब तक पूरा कर लिया जाएगा तो अधिकारी इसकी कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सके। आचार संहिता के चलते काम धरातल पर कब शुरू होगा, इसके बारे में भी अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। अधिकारियों का कहना था कि क्षेत्र में यमुना नहर का पानी आने में कम से कम 5 वर्ष का समय लग सकता है। इस पर एडवोकेट नरेश कुमार ने तब तक वैकल्पिक व्यवस्थाओं के बारे में जानकारी लेनी चाही, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। डीपीआर कब तक बनेगी, कहां रीजर्वायर बनेंगे, कितना पानी कब-कब सिंचाई के लिए मिलेगा और कब तक यमुना का पानी शेखावाटी को मिल पाएगा इस बारे में भी टीम के पास कोई पुख्ता जवाब नहीं था।
आपको बता दें कि पिलानी विधानसभा क्षेत्र के गांवों में सिंचाई और पेयजल के लिए नहर की मांग को लेकर ग्रामीण आर-पार की लड़ाई लड़ रहे हैं। हमीनपुर गाडोली से शुरू हुए ग्रामीणों के इस संघर्ष को अन्य गांवों का समर्थन भी मिल रहा है। “जल नहीं तो वोट नहीं” के नारे के साथ हमीनपुर गाडोली के अलावा बनगोठड़ी कलां, बनगोठड़ी खुर्द, धींधवा बिचला आदि गांवों ने भी चुनाव बहिष्कार की घोषणा की है। जिला प्रशासन ग्रामीणों को समझाइश कर चुनाव में मतदान के लिए मनाना चाहता है। लेकिन आज तीसरे दौर की वार्ता के बाद भी ग्रामीणों ने अपना निर्णय बदला नहीं है।
वार्ता में ये रहे शामिल
बैठक में प्रशासनिक अधिकारियों के अलावा हमीनपुर गाडोली के चंद्रभान, प्रताप, जयलाल पीटीआई, सुभाष मास्टर, रवि मास्टर, जागेश्वर, भक्ताराम सेन, सुमेर भगासरा, प्रदीप, मुरारी लाल, वीरेंद्र पूनिया, धर्मवीर मेघवाल, मनजीत, धर्मेश, अमित, डीपी बनगोठड़ी, राजू पूनिया, रोहिताश्व, संजय, संदीप, नरेश मेघवाल, जय भगवान शर्मा, लोकराम पूनिया, अमित मेघवाल, सुल्तान मेघवाल, महावीर मेघवाल, बिज्जू मेघवाल, उमराव सिंह आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।