गाजा, 19 मई 2024: इजरायली सेना ने मध्य गाजा में एक भीषण हवाई हमला किया, जिसमें 20 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे। यह हमला उस समय हुआ जब हमास और इजरायल के बीच चल रहा युद्ध अपने आठवें महीने में प्रवेश कर चुका है। इस युद्ध ने पहले से ही तनावग्रस्त क्षेत्र में और अधिक अशांति फैला दी है।
हमले में नुसीरात शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया गया, जिसमें आठ महिलाओं और चार बच्चों सहित 20 लोग मारे गए। इसके अलावा, दीर अल-बलाह में हुए हवाई हमले में हमास द्वारा संचालित पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी जाहेद अल-हौली और एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई। फलस्तीनी रेड क्रिसेंट आपातकालीन सेवा ने पुष्टि की कि नुसीरात पर किए गए हमले में पांच अन्य लोगों की भी जान चली गई।
नेतन्याहू पर दबाव
इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को इस हमले के बाद अपने ही मंत्रिमंडल से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इजरायल के तीन सदस्यीय युद्ध कैबिनेट के सदस्य बेनी गैंट्ज ने धमकी दी है कि अगर गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय प्रशासन को समाहित करने वाली कोई नई योजना आठ जून तक तैयार नहीं की गई तो वह सरकार छोड़ देंगे। गैंट्ज का मानना है कि युद्ध के बाद गाजा पर एक अंतरराष्ट्रीय प्रशासन का नियंत्रण होना चाहिए, जबकि नेतन्याहू इस प्रस्ताव को खारिज कर चुके हैं।
नेतन्याहू ने कहा है कि गाजा पर इजरायल सुरक्षा नियंत्रण स्थापित करेगा और पश्चिमी देशों से समर्थित फलस्तीनी प्राधिकरण और हमास से नहीं जुड़े स्थानीय लोगों के साथ साझेदारी करेगा। उन्होंने गाजा पर शासन करने के लिए फलस्तीनी प्राधिकरण की मदद करने के अमेरिकी प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया है।
अमेरिकी दखल
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन रविवार को इजरायल के बड़े नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। इस बैठक में सऊदी अरब द्वारा इजरायल को मान्यता देने और अंततः देश का दर्जा प्राप्त करने के बदले गाजा पर शासन करने में फलस्तीनी प्राधिकरण की मदद करने की एक महत्वाकांक्षी अमेरिकी योजना पर चर्चा की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता लाना और दोनों पक्षों के बीच संघर्ष को समाप्त करना है।
हमास की पुनर्संगठन
भले ही युद्धोपरांत योजना की चर्चा जोरों पर हो लेकिन हमास और गाजा के बीच जारी युद्ध का कोई अंत नजर नहीं आ रहा है। हाल के सप्ताह में हमास उत्तरी गाजा के उन हिस्सों में फिर से संगठित हो गया जिन पर युद्ध के शुरुआती दिनों में भारी बमबारी की गई थी। हमास के पुनर्संगठन से इस क्षेत्र में स्थिति और भी अधिक जटिल हो गई है।